सीरिया के जरिए इजरायल के दुश्मनों को नहीं पहुंचाई जा सकेगी हथियारों की खेप. ये इसलिए, क्योंकि सीरिया के विद्रोही शासन ने हथियारों का एक जखीरा पकड़ा है, जिसे लेबनान के हिजबुल्लाह तक पहुंचा जाना था.
सीरिया के सुरक्षा निदेशालय ने तार्टूस क्षेत्र में एक अवैध सीमा पार स्थल के माध्यम से हिजबुल्लाह तक हथियारों की तस्करी की बड़ी कोशिश नाकाम कर दी. जिन हथियारों को जब्त किया गया है, उनमें राइफल्स, ग्रेनेड लॉन्चर्स और ड्रोन शामिल हैं.
सीरिया ने पकड़े हिजबुल्लाह के हथियार, रॉकेट लॉन्चर्स
सीरिया से राष्ट्रपति बशर अल असद की रवानगी के बाद सत्ता एचटीएस के हाथ में है. एचटीएस चीफ अबू मोहम्मद अल गोलानी ने क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है. सीरिया में इजरायली सेना के बफर जोन में कब्जे के बाद ऐसी आशंका है कि सीरिया के जरिए लेबनान में हिजबुल्लाह तक हथियार पहुंचाए जा रहे हैं. इसी आशंका के मद्देनजर सीरियाई एजेंसियों ने हथियारों की खेप पकड़ी है. (https://x.com/warfareanalysis/status/1880308731940073873)
हथियारों की खेप को पकड़कर सीरिया के विद्रोही-शासन ने इजरायल को संदेश देने की कोशिश की है. संदेश ये कि सीरिया की धरती को इजरायल-विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा. सीरिया को इस बात का भी डर सता रहा है कि कहीं इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) राजधानी दमिश्क तक न पहुंच जाएं. (दमिश्क की दहलीज पर इजरायली सेना, सीरिया पर कब्जे की तैयारी ?)
सीरियाई अधिकारियों के मुताबिक, इस तस्करी का प्रयास हिजबुल्लाह तक हथियार पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया था. तस्करी में शामिल नेटवर्क की जांच जारी है, और अधिकारियों का कहना है कि इसमें स्थानीय समूहों की भूमिका हो सकती है. हथियारों की तस्करी से न केवल सीरिया के स्थानीय स्थिरता को खतरा है, बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भी सीरिया को कटघरे में खड़ा किया जा सकता है.
सीरिया से लेबनान में आ रहा खतरनाक हथियार: इजरायल
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्धविराम है लेकिन इजरायल को आशंका है कि सीरिया के बॉर्डर से हथियारों की तस्करी करके हिजबुल्लाह तक हथियार पहुंचाए जा रहे हैं. करीब एक महीने पहले इजरायली सेना ने हिज्बुल्लाह के लिए पहुंचाए जा रहे हथियारों पर ड्रोन से निशाना बनाया था. जिसके बाद सीरिया का नया प्रशासन सतर्क हो गया है और कोशिश कर रहा है, कि हथियारों की तस्करी को रोका जाए, जिससे उसके ऊपर हिजबुल्लाह के मदद करने जैसे आरोप न लगाए जा सकें.
लेबनान में हजारों की संख्या में रह रहे सीरियाई शरणार्थी
पिछले सप्ताह सीरिया के नेता अल शरा और लेबनान के पीएम नजीब मिकाती के बीच मुलाकात हुई थी . मिकाती ने सीरियाई शरणार्थी संकट के समाधान पर दिया जोर दिया. विशेषकर उन दस लाख शरणार्थियों के लिए जो 2011 से चल रहे गृहयुद्ध के कारण लेबनान में आए हैं. शरणार्थी वापस लौट चुके हैं, लेकिन कई अब भी लेबनान में हैं. मिकाती ने कहा, इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करना जरूरी है, ताकि विस्थापित लोग सीरिया लौट सकें.