दक्षिण चीन सागर में चीन के दबदबे और हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में चीन के विस्तार करने की मंशा के बीच भारत करने वाला है एक बड़ा युद्धाभ्यास. अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया यानी अपने क्वाड सहयोगियों के साथ मिलकर भारत सालाना मालाबार नौसैनिक अभ्यास करने वाला है. अक्टूबर में भारत बंगाल की खाड़ी में खास ट्रेनिंग होगी. 28वें मालाबार नौसैनिक अभ्यास ऐसे समय में होने वाला है जब चीन, साउथ चाइना सी में आंखे तरेर रहा है.
अबकी बार भारत में मालाबार एक्सरसाइज, बौखलाएगा चीन
अक्टूबर में भारत के पूर्वी समुद्री क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेना इकट्ठा होगी. इस दौरान खासतौर पर जटिल, एंटी एयर और एंटी सबमरीन वारफेयर ड्रिल्स होंगी. इसके साथ ही कई एडवांस एक्सरसाइज के भी गुर भी चारों देशों के नौसेनाएं एक दूसरे से सीखेंगी. मालाबार एक्सरसाइज करीब 32 साल पहले शुरु की गई थी. साल 1992 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था. अब इसमें जापान और ऑस्ट्रेलिया भी क्वाड समूह होने के नाते एक्सरसाइज में शामिल होता रहा है. पिछले साल अगस्त में सिडनी और साल 2022 में जापान ने मालाबार एक्सरसाइज की मेजबानी की थी. पर इस बार मेजबानी की बारी हिंदुस्तान की है.
दक्षिण चीन सागर के बाद हिंद महासागर पर चीन की नजर
हिंद महासागर में चीन का बढ़ता विस्तार चिंता का विषय है. हिंद महासागर में हमेशा से भारत का दबदबा रहा है, पर चीन की दखलअंदाजी हाल के कुछ सालों में बढ़ गई है. चीन ने अगस्त 2017 में जिबूती में अपना पहला ओवरसीज़ बेस तैयार किया था. अब अफ्रीका के पूर्वी तट पर फिर लाजिस्टिक्स से जुड़ी सुविधाएं तलाश रहा है. वहीं तंजानिया, मोजाम्बिक, मैडागास्कर और कोमरोस जैसे कई देशों में चीन दांव चल रहा है. बीजिंग के पास पाकिस्तान के ग्वादर और कराची बंदरगाहों तक पूरी पहुंच है. वहीं चीन के जहाज रिसर्च के नाम पर अक्सर हिंद महासागर के क्षेत्र में घूमते रहते हैं. जिसे लेकर भारत हमेशा से विरोध जताता रहा है कि सर्वे के नाम पर चीन भारत के नेवी क्षेत्रों और सबमरीन की जासूसी करता रहा है.
आईओआर में चीन के 6-8 युद्धपोत रहते हैं जो एंटी-पायरेसी पेट्रोल (गस्त) के लिए घूमते रहते हैं, इसके अलावा बड़ी संख्या में चीन की फिशिंग बोट्स और वैसल भी हिन्द महासागर क्षेत्र में रहते हैं. हिन्द महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती उपस्थिति को लेकर भारतीय नौसेना पूरी तरह सजग है.
क्वाड देशों के साथ भारत के संबंध मजबूत, चीन लगाएगा सेंध!
क्वाड समूह यानी क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग, जो जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका के बीच एक बहुपक्षीय समझौता है. क्वाड इंडो-पैसिफिक रीजन में एक दूसरे से समन्वय बढ़ाने और समुद्री रास्तों को सुरक्षित बनाने की दिशा में काम करता है. वहीं अब चीन ने क्वाड समूह देश ऑस्ट्रेलिया से नजदीकी बढ़ानी शुरु कर दी है.
सात साल बाद किसी चीनी प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की है. चीन के पीएम ली कियांग ने पिछले महीने जून में ऑस्ट्रेलिया पहुंचकर प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीज से मुलाकात की थी. दोनों की मुलाकात ऐसे वक्त में हुई जब चीन और ऑस्ट्रेलिया में संबंध खटास वाले हैं. इसी साल मई महीने में पीले सागर में चीनी वायुसेना और ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों में टकराव की स्थिति हुई थी. चीन के जे-10 जेट विमान ने नियमित उड़ान के दौरान आस्ट्रेलियाई एमएच60आर सीहॉक हेलीकॉप्टर के ऊपर और कई सौ मीटर आगे फ्लेयर्स गिराए थे. इस घटना के बाद संबंध सुधारने और क्वाड देशों में सेंध लगाने के लिए चीनी पीएम ने ऑस्ट्रेलिया दौरा किया था. ऑस्ट्रेलियाई पीएम से मिलने के बाद ली कियांग ने कहा, ” हमने कुछ मतभेदों और असहमतियों पर एक दूसरे के विचार जाने और हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी के हिसाब से मतभेदों को उचित तरीके से सुलझाने पर हमारे बीच सहमति बनाई है.”