पाकिस्तान दौरे से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सरदार पटेल की नीति का जिक्र किया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि “किसी भी पड़ोसी से भारत अच्छे संबंध चाहता है पर सीमा-पार आतंकवाद नजरअंदाज करके अच्छे संबंध नहीं हो सकते, जैसा कि सरदार पटेल ने कहा था कि यथार्थवाद हमारी नीति का आधार होना चाहिए.”
साथ ही एस जयशंकर ने देश के पहले गृह मंत्री की नीतियों की तारीफ करते हुए ये भी कहा कि “सरदार पटेल का मानना था कि भारत को अपने मुद्दों को अन्य शक्तियों के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए.”
मिडिल ईस्ट अब अवसर नहीं चिंता का विषय: एस जयशंकर
दिल्ली में आई सी सेंटर फॉर गवर्नेंस द्वारा आयोजित सरदार पटेल व्याख्यान में जयशंकर ने इजरायल-ईरान के तनाव के बारे में बात की. जयशंकर ने मिडिल-ईस्ट में संघर्ष पर चिंता जताते हुए कहा, “मध्य-पूर्व अब अवसर नहीं, बल्कि गहरी चिंता और चिंता का कारण बन गया है. पहले आतंकवादी हमले, फिर इसके जवाब में कार्रवाई, फिर गाजा में जो हुआ, वह बहुत ही चिंताजनक है. अब यह संघर्ष लेबनान में इजरायल और ईरान के बीच देखा जा रहा है, तो हूती लाल सागर में गोलीबारी कर रहे हैं. इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.”
विदेश मंत्री ने कहा कि “मध्य पूर्व के हालात वाकई में चिंताजनक हैं जिसका असर हम पर भी पड़ेगा. चाहे वह यूक्रेन में संघर्ष हो या मध्य पूर्व पश्चिम एशिया में संघर्ष, ये अस्थिरता के बड़े कारक हैं. सिर्फ हम ही नहीं दुनिया के सारे देश इससे चिंतित हैं.”
मैं पाकिस्तान से संबंधों पर चर्चा करने नहीं जा रहा: एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर 15-16 अक्टूबर को पाकिस्तान यात्रा पर रहेंगे. नौ (09) साल बाद पहली बार भारत की ओर से कोई मंत्री पाकिस्तान जा रहा है. अपने दौरे को लेकर एस जयशंकर ने खुलकर बात की.
विदेश मंत्री ने दो टूक कहा, “पाकिस्तान में एससीओ की बैठक है, जो बहुपक्षीय कार्यक्रम है. मैं पाकिस्तान में भारत के साथ संबंधों पर बात करने नहीं जा रहा. मैं पाकिस्तान सिर्फ शंघाई सहयोग संगठन के तौर पर जा रहा हूं, चूंकि मैं सभ्य हूं इसलिए उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा.” (SCO बैठक के लिए पाकिस्तान जाएंगे जयशंकर)
सार्क बैठक के आयोजित ना किए जाने पर एस जयशंकर ने पाकिस्तान का बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि “सार्क देशों का एक सदस्य सीमा-पार आतंकवाद को बढ़ावा अभी भी दे रहा है. आतंकवाद अस्वीकार्य है, लेकिन इस वैश्विक मान्यता के बावजूद हमारे पड़ोसी देश ऐसा कर रहे हैं. इसलिए सार्क की बैठक नहीं बुलाई गई है.”
सरदार पटेल ने सिखाया दूसरी शक्तियों के भरोसे ना रहें: एस जयशंकर
भारत-पाकिस्तान के साथ संबंधों पर बात करते हुए एस जयशंकर ने सरदार पटेल की नीति की तारीफ की. एस जयशंकर ने कहा किसी भी पड़ोसी से भारत अच्छे संबंध रखना चाहेगा पर सीमा पार आतंकवाद नजरअंदाज करके नहीं. जैसा कि सरदार पटेल ने कहा था कि यथार्थवाद हमारी नीति का आधार होना चाहिए.”
जयशंकर ने कहा कि “सरदार पटेल संयुक्त राष्ट्र में जाने के खिलाफ थे. जूनागढ़ और हैदराबाद में सरदार पटेल ने विरोध किया था, क्योंकि सरदार पटेल का मानना था कि भारत को अपने मुद्दों को अन्य शक्तियों के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए. भारत को अपने मुद्दों का हल निकालने के लिए अन्य ताकतों के सामने नहीं झुकना चाहिए. हम सभी के लिए दुख की बात है कि उनकी सावधानी को नजरअंदाज किया गया, जो जम्मू और कश्मीर प्रश्न के रूप में शुरू हुआ था, उसे सुविधाजनक रूप से भारत और पाकिस्तान प्रश्न में बदल दिया गया. वो मुद्दे को यूएन नहीं ले जाना चाहते थे, क्योंकि सरदार पटेल का मानना था कि पाकिस्तान से खुद निपटना चाहिए.” (जयशंकर को इमरान से मिला खास न्योता !)