यूक्रेन के खिलाफ रूस की ओर से लड़ रहे हैं नॉर्थ कोरिया के सैनिक. ऐसा कहना है साउथ कोरिया के रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून का. नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की दोस्ती के किस्से पश्चिमी देशों की नींद उड़ा चुके हैं पर अब जो साउथ कोरिया ने कहा है उससे पश्चिमी देशों के पैरों तले जमीन खिसक गई है.
साउथ कोरिया के दावों को इसलिए भी बल मिल रहा है, क्योंकि पिछले हफ्ते ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं कि यूक्रेन के हमले में दोनेत्स्क इलाके में छह (06) उत्तर कोरियाई अधिकारियों की मौत हुई थी जबकि तीन अन्य सैनिक घायल हुए थे.
इसी साल रूस-नॉर्थ कोरिया में एक सैन्य समझौता हुआ था जिसमें दोनों देशों ने एक दूसरे को सैन्य सहायता देने की डील की थी. अमेरिका ने रूस में नॉर्थ कोरिया के सैनिकों को ‘निश्चित तौर पर नजर रखने वाली बात’ कहा है तो वहीं दक्षिण कोरिया ने रूस-नॉर्थ कोरिया की ‘सैन्य डील को बड़ा खतरा’ करार दिया है.
रूस पहुंचे नॉर्थ कोरिया के सैनिक?
साउथ कोरिया को अक्सर परमाणु धमकी देने वाले तानाशाह के रूस में अपने सैनिकों के भेजने का दावा किया जा रहा है. साउथ कोरिया के रक्षा मंत्री ने संसदीय ऑडिट सत्र के दौरान सांसदों से कहा है कि “रूस-यूक्रेन की जंग में ऐसा लग रहा है कि रूस की ओर से किम जोंग के सैनिक लड़ रहे हैं.” दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री बोले, “रूस के समर्थन में उत्तर कोरिया नियमित तौर पर सशस्त्र बलों को तैनात कर सकता है, क्योंकि मॉस्को और प्योंगयांग के बीच सैन्य सहयोग के संकेत हैं.”
पिछले साल कीव की सैन्य खुफिया शाखा ने भी डोनेत्स्क के पास रूसी कब्जे वाले क्षेत्र में इंजीनियरिंग कर्मियों सहित कुछ उत्तर कोरियाई सेवाकर्मियों के आने की सूचना दी थी.
रूस में फ्रंटलाइन पर उत्तर कोरियाई सैनिकों की मौत
पिछले सप्ताह गुरुवार (3 अक्टूबर) को पूर्वी यूक्रेन शहर दोनेत्स्क के पास रूस के कब्जे वाले क्षेत्र में यूक्रेन ने मिसाइल अटैक किया था. इस दौरान यूक्रेन ने 20 सैनिकों की मौत का दावा किया जिसमें से छह उत्तर कोरियाई थे. तीन अन्य उत्तर कोरियाई सैनिक घायल हुए जिन्हें फौरन वहां से निकालकर इलाज के लिए मॉस्को लाया गया. बताया जा रहा है कि रूसी सैनिक, उत्तर कोरियाई अधिकारियों को दिखा रहे थे कि “मॉस्को कैसे हमलावर अभियानों में अपनी रक्षा के लिए अमेरिकी हथियारों का मुकाबला करता है” और इसी प्रशिक्षण के दौरान यूक्रेन ने हमला किया.
रूस को नॉर्थ कोरिया की मदद, फिर भड़का अमेरिका
रूस को उत्तर कोरियाई सैनिकों की मदद पर अमेरिका भड़क गया है. पेंटागन के प्रेस सचिव पैट राइडर ने उत्तर कोरिया को ‘तोप का चारा’ बताया है. पेंटागन ने कहा है कि अगर उत्तर कोरियाई सैनिक रूस की मदद करते हैं तो तोप का चारा बनने के लिए तैयार रहे. पैट राइडर ने कहा कि “अगर वो लोग सैन्य कार्मिक प्रबंधन होते तो यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में तोप का चारा बनने के लिए अपने सेना के विकल्प पर विचार करने के लिए कहते.”
अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर पूरे युद्ध के दौरान रूस को तोपखाने के लिए गोला-बारूद भेजने का भी आरोप लगाया है, जिसका मास्को और प्योंगयांग ने खंडन किया है.
रूस-नॉर्थ कोरिया के बीच नई डील से डरे पश्चिमी देश
इसी साल जून में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 साल में पहली बार उत्तर कोरिया का दौरा किया था. इस यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति और किम जोंग ने “व्यापक रणनीतिक साझेदारी समझौते” पर हस्ताक्षर किए, जिसमें नाटो देशों की तरह ही कहा गया था कि “अगर किसी एक सदस्य देश पर हमला होता है, तो दोनों देश इसे अपने ऊपर हमला मानेंगे.”
यानी नॉर्थ कोरिया और रूस के बीच हुए समझौते में ये प्रावधान है कि अगर एक देश पर हमला होता है या वह युद्ध की स्थिति में है तो दूसरा देश तुरंत सैन्य और और अन्य मदद देगा. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नॉर्थ कोरिया के दौरे पर साफ तौर पर कहा कि “इस समझौते की प्रकृति रक्षात्मक है यानी एक देश पर हमले की स्थिति में दूसरे की सुरक्षा के लिए मदद करना है.”