रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और प्रतिद्वंद्वी देशों को सबक सिखाना, भारत को अच्छे से आ गया है. रूस की मदद करने के आरोप में अमेरिका ने भारत की एक आर्म्स कंपनी पर प्रतिबंध लगाया तो, भारतीय सेना ने उसी स्वदेशी कंपनी से 550 मशीन पिस्टल खरीद कर जम्मू कश्मीर में तैनात सैनिकों को सौंप दिया. ‘अस्मि’ नाम की ये मशीन-पिस्टल भारतीय सेना के ही एक लेफ्टिनेंट कर्नल ने डिजाइन की है.
सेना में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना में शामिल हो गई है ‘अस्मि’. अपने ही नाम के अनुरूप भारत का गौरव और आत्मसम्मान बढ़ाने के लिए 100 प्रतिशत स्वदेशी पिस्टल को हरी झंडी दे दी गई है. नॉर्दन कमांड ने 550 स्वदेशी मशीन पिस्टल अस्मि खरीदी है. ये मशीन पिस्टल भारतीय सेना के सर्विंग कर्नल प्रसाद बनसोड ने डीआरडीओ के साथ मिलकर बनाई है. हैदराबाद की ‘लोकेश मशीन्स’ नाम की कंपनी ने इस स्वदेशी पिस्टल का प्रोडक्शन किया है.
हाल ही में अमेरिका ने ब्रिक्स देशों की करीब 400 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया था. अमेरिका ने ये कहकर इन कंपनियों पर बैन लगाया था, क्योंकि ये रूस की मदद कर रही थी. इनमें से 19 कंपनियां भारत की थी. ‘लोकेश मशीन्स’ भी इन प्रतिबंधित कंपनियों में शामिल थी. लेकिन स्वदेशी कंपनी को कोई नुकसान ना हो, इसके लिए भारतीय सेना की उत्तरी कमान ने 550 अस्मि मशीन पिस्टल खरीदकर अमेरिका के बैन को धता बता दिया.
जम्मू कश्मीर और लद्दाख में होंगी तैनात सैनिकों को मिलेगी अस्मि
उधमपुर स्थित उत्तरी कमान में तैनात सैनिकों के लिए अभी 550 अस्मि मशीन पिस्टल की खरीद की गई है और डिलीवरी भी की जा चुकी है. किसी भी ऑपरेशन में क्लोज कॉम्बैट के दौरान छोटे, घातक और हल्के हथियारों का इस्तेमाल होता है. ऐसे में अस्मि एक घातक हथियार का रोल निभाएगी. अस्मि मशीन पिस्टल से भारतीय सेना में पैदल सैनिकों की यानी इंफ्रेंट्री की फायर पावर बढ़ाई जा सकेगी. ‘अस्मि’ के दो वेरिएंट्स हैं. 9 एमएम की मशीन पिस्टल का वजन सिर्फ 1.80 किलोग्राम है. (https://x.com/adgpi/status/1853740885785121178)
‘अस्मि’ क्यों है सेना के लिए बेहद खास?
दरअसल आतंक-विरोधी ऑपरेशन के लिए हल्के और छोटे मशीन पिस्टल की बहुत जरूरत होती है. जवान ऐसे कई ऑपरेशन के दौरान जहां बेहद संकरी जगहों और नजदीक से दुश्मनों का खात्मा करना होता है, वहां अस्मि जवानों के बेहद मदद करेगी. इस पिस्टल को आसानी से छिपाकर भी ले जाया जा सकता है और एक पिस्टल के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इतना ही नहीं सामान्य रायफल की तरह भी इसे कंधे पर टिकाकर फायर किया जा सकता है. अगर इसके रेंज की बात की जाए तो यह 100 मीटर तक सटीक निशाना लगा सकती है और एक में मैगजीन 33 गोलियां आती है.
अस्मि के ऊपर किसी भी तरह के टेलिस्कोप, बाइनोक्यूलर या बीम लगाए जा सकते हैं. इसकी लंबाई 14 इंच है और बट खोलने पर यह बढ़कर 24 इंच हो जाती है. खास बात यह है कि इस मशीन पिस्टल के लोडिंग स्विच दोनों तरफ है यानी लेफ्ट हैंडर हो या राइट हैंडर इस पिस्टल को आसानी से चला सकते हैं.