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दो कीर्ति चक्र सहित 93 वीरता मेडल, गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने की घोषणा, 14 को मरणोपरांत

जम्मू कश्मीर के सोपोर में आतंकियों के चंगुल से दो बच्चों सहित तीन स्थानीय कश्मीरियों को बचाने वाले भारतीय सेना के मेजर मंजीत को कीर्ति चक्र से नवाजा गया है. साथ ही लोलाब वैली में एक आतंकी को गुत्थम-गुत्था की लड़ाई में मार गिराने वाले नायक दिलावर खान को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से नवाजा गया है.

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दो कीर्ति चक्र और 14 शौर्य चक्र सहित कुल 93 सैनिकों को वीरता मेडल देने की घोषणा की है. इनमें से कुल 11 सैनिकों को मरणोपरांत वीरता मेडल से नवाजा गया है.

कीर्ति चक्र, शांति काल में देश का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है तो शौर्य च्रक तीसरा.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, शौर्य चक्र से सम्मानित बहादुर सैनिकों में नौ थलसेना (दो मरणोपरांत सहित), दो एयरफोर्स, दो सीआरपीएफ और एक बीआरडीबी (मरणोपरांत) शामिल हैं.

सरकार ने 77 सैनिकों को सेना मेडल (वीरता) से नवाजा है. इनमें 67 थलसेना के सैनिक हैं, 08 वायुसेना को मिले हैं और दो नौसेना को.

दो बच्चों सहित तीन कश्मीरियों को बचाने वाले मेजर मंजीत को कीर्ति चक्र

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पिछले साल 26 अप्रैल (2024) को सोपोर के एक घर में आतंकी छिपे हुए थे. उसी दौरान एक आतंकी ने घर के बार हिस्से में मौजूद दो बच्चे और एक सिविलियन को बंधक बनाने की कोशिश की. लेकिन पहले से सेना ने घर की घेराबंदी कर रखी थी. आतंकी की मूवमेंट देखते हुए मेजर मंजीत आतंकी से भिड़ गए. घिरता देख आतंकी ने मेजर मंजीत की तरफ ग्रेनेड फेंक दिया. लेकिन मेजर मंजीत ने ना केवल सभी सिविलियन को बचाया बल्कि आतंकी को भी ढेर कर दिया.

मेजर मंजीत पंजाब रेजीमेंट के अधिकारी हैं और घटना के वक्त राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) की 22वीं यूनिट में तैनात थे.

गुत्थम-गुत्था लड़ाई में आतंकी को ढेर करने के बाद दिया बलिदान

पिछले साल 23 जुलाई (2024) को नायक दिलावर खान ने कुपवाड़ा की लोलाब घाटी में दो आतंकियों से मुकाबला किया था. दिलावर खान ने एक आतंकी को दबोच लिया था. इसी दौरान दूसरे आतंकी ने ताबड़तोड़ गोलियां दाग दी. दूसरे आतंकी की गोलीबारी में दिलावर खान गंभीर रूप से घायल हो गए. लेकिन दिलावर खान ने आतंकी की पकड़ ढीली नहीं की और क्लोज-रेंज से आतंकी को गोली मार दी.

बाद में दिलावर खान ने भी दम तोड़ दिया. अदम्य साहस और वीरता के लिए दिलावर खान को मरणोपरांत दूसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से नवाजा गया है.

नायक दिलावर खान, सेना की आर्टिलरी से ताल्लुक रखते थे और घटना के वक्त 28 आरआर में तैनात थे. (https://x.com/adgpi/status/1883147343786373501)