जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नरसंहार के बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान की हालत खस्ता करने के लिए कूटनीतिक पहल शुरु कर दी है. 3 घंटे से ज्यादा चली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने घोषणा की कि सीसीएस की बैठक के बाद पाकिस्तान सिंधु जल समझौता खत्म कर दिया गया है और अटारी चेक पोस्ट बंद कर दिया गया है.
आतंकी हमले के बाद सीसीएस में 5 बड़े फैसले
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस की बैठक में पाकिस्तान को लेकर सख्त कूटनीतिक फैसले किए. जिसमें सबसे अहम है,
- नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति (अनवांटेड) घोषित किया गया. भारत ने पाकिस्तानी सलाहकारों को एक सप्ताह में भारत से निकल जाने को कहा है.
- भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा. संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे.
- एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा, जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं.
- 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता.
- पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाएगा. वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं.
सऊदी अरब से लौटते ही एक्शन में नजर आए पीएम मोदी
सऊदी अरब से लौटने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी एक्शन में नजर आए. पीएम मोदी ने एक के बाद एक कई बैठकें की और शाम 6 बजे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की मीटिंग में कई मुद्दों पर मंथन किया गया.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने तकरीबन 3 घंटे तक चली बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की. विक्रम मिस्री ने बताया, “आज शाम प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक हुई. सीसीएस को पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे. कई अन्य घायल हुए थे. सीसीएस ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा व्यक्त की. सीसीएस ने ऐसी भावनाओं के लिए अपनी सराहना दर्ज की, जो आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता को दर्शाती है.”
सीसीेएस की बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोवल और विदेश सचिव एस जयशंकर समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. आपको बता दें, सीसीएस, देश की सुरक्षा से जुड़ी सबसे बड़ी कमेटी है. इसकी अध्यक्षता पीएम करते हैं और देश के चार बड़े मंत्रालय यानी गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय के मंत्री मिलकर बड़े और कड़े फैसले लेते हैं.