पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान ने सीमा पार हवाई हमले किए तो काबुल ने भी डूरंड लाइन (बॉर्डर) पर पाकिस्तानी सेना की चौकियों को निशाना बनाना शुरु कर दिया है. अफगानिस्तान का आरोप है कि पाकिस्तानी एरियल अटैक में बच्चों और महिलाओं सहित आठ मासूम लोगों की जान चली गई है जबकि पाकिस्तान का कहना है कि ‘तहरीक ए तालिबान’ (टीटीपी-‘पाकिस्तान’) गुट का कमांडर मारा गया है.
शनिवार को अफगानिस्तान से सटे पाकिस्तान के नॉर्थ वजीरिस्तान इलाके (खैबर पख्तूनख्वा प्रांत) में पाकिस्तानी सेना की एक चौकी पर बड़ा आत्मघाती हमला हुआ था. इस हमले में पाकिस्तानी सेना के दो सैन्य अधिकारियों सहित कुल 07 सैनिकों की जान चली गई थी. हमले में पाकिस्तानी सेना की पोस्ट (चौकी) पूरी तरह तबाह हो गई थी. हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने आत्मघाती हमले में शामिल छह आतंकियों को मार गिराए जाने का दावा किया था लेकिन 48 घंटे बाद (सोमवार) को पाकिस्तान ने हमले का बदला लेने का दम भरा है.
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी वायुसेना के फाइटर जेट ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से सटे अफगानिस्तान के खोस्त और पकतिका प्रांतों में हवाई हमले किए. पाकिस्तान का दावा है कि इन हमलों में टीटीपी (पाकिस्तान) का कमांडर अब्दुल्लाह शाह उर्फ तोबागर मारा गया है. पाकिस्तान का दावा है कि तोबागर ही शनिवार को पाकिस्तानी सेना की चौकी पर हुए आत्मघाती हमले की साजिश का मास्टरमाइंड था.
पाकिस्तान की एयर-स्ट्राइक पर अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार गुस्से में है. अफगानिस्तान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने ‘एक्स’ अकाउंट पर पाकिस्तानी की करतूत पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि “अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात में संघर्ष का एक लंबा इतिहास रहा है और कभी भी किसी बाहरी (विदेशी) सुपर पावर को अपनी धरती पर घुसपैठ नहीं होने दी है.”
अफगानिस्तान की सीमा में पाकिस्तान की ये कोई पहली एरियल-स्ट्राइक नहीं है. अप्रैल 2022 में भी पाकिस्तानी वायुसेना ने डूरंड लाइन पार कर हवाई हमला किया था जिसमें 47 लोग मारे गए थे. टीटीपी-पाकिस्तान भले ही अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार से अलग है लेकिन पिछले कुछ सालों में इस आतंकी संगठन ने पाकिस्तान की नाक में दम कर रखा है. आंकड़ों की मानें तो पिछले साल यानी 2023 मे पाकिस्तान में 650 आतंकी हमले हुए थे जिनमें करीब 1000 लोगों की जान गई थी. अधिकतर हमले खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांत में हुए थे.
बड़ी संख्या में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने खैबर-पख्तूनख्वा और दूसरे प्रांतों में शरणार्थी के तौर पर रह अफगानी नागरिकों को देश निकाला देकर स्वदेश (अफगानिस्तान) भेज दिया था. हजारों की तादाद में अफगान शरणार्थियों को निकालने से डूरंड लाइन (पाक-अफगान बॉर्डर) पर संकट गहरा गया था.
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