कश्मीर में आतंक फैलाने की साजिश फेल होने के बाद पाकिस्तानी सेना की प्रोपेगेंडा विंग आईएसपीआर ने अजरबैजान की एक खूबसूरत न्यूज़ एंकर को लॉबिस्ट के तौर पर अपने पेय-रोल पर रख लिया है. अनस्तासिया लवरीना नाम की इस एंकर ने नागोर्नो-काराबाख युद्ध के दौरान अजरबैजान की तरफ से आर्मेनिया के खिलाफ सोशल मीडिया पर कैंपन किया था. यही वजह है कि पाकिस्तान को लवरीना की सेवाएं लेनी पड़ रही हैं.
रूसी मूल की अजेरी (अजरबैजान) नागरिक है लवरीना और एक स्थानीय न्यूज चैनल में कार्यरत है. एक्स पर लवरीना ने अपने अकाउंट को लॉक कर रखा है. लवरीना को अपने न्यूज़ चैनल पर कश्मीर मुद्दे को लेकर बयानबाजी करते पाया गया है.
महिला-एंकर दिखी पीओके के पूर्व प्रधानमंत्री के साथ
हाल ही में लवरीना उस वक्त चर्चा में आई जब उसकी तस्वीर अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत मसूद खान के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. मसूद खान, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (पीओजेके) के प्रधानमंत्री पद पर भी रह चुका है (2016-21).
पाकिस्तान और अजरबैजान में करीबी संबंध
पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान और अजरबैजान काफी करीब आए हैं. इसका कारण ये है कि अजरबैजान के पड़ोसी (और दुश्मन) देश आर्मेनिया को भारत ने पिनाका रॉकेट सिस्टम से लेकर आकाश मिसाइल और तोप से लेकर स्वाथी वेपन लोकेटिंग रडार तक सप्लाई की है. ऐसे में पाकिस्तान ने अजरबैजान पर डोरे डालने शुरु कर दिए.
ऐसे में अजरबैजान ने पाकिस्तान से जेएफ-17 फाइटर जेट खरीदने की तैयारी कर ली है. पाकिस्तान ने जेएफ-17 लड़ाकू विमान को चीन की मदद से तैयार किया है.
वर्ष 2020 में आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच विवादित नागोरनो-काराबाख को लेकर युद्ध में हो चुका है. हालांकि, रशिया के बीच-बचाव से जंग तो रूक गई थी, लेकिन दोनों कॉकेशियन देशों में अदावत जारी है.
इंटरनेशनल जर्नलिस्ट और सेलेब्रेरीटीज के जरिए कश्मीर के अंतरराष्ट्रीयकरण की साजिश
नागोर्नो-काराबाख युद्ध के दौरान अजरबैजान ने आर्मेनिया के खिलाफ जमकर प्रोपेगेंडा वारफेयर किया था. माना जाता है कि लवरीना का इस प्रोपेगेंडा में बड़ा हाथ था. लवरीना ने नागोर्नो-काराबाख जाकर भी रिपोर्टिंग की थी. यही वजह है कि पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, इंटर स्टेट पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने लवरीना को अपने पेय-रोल पर रख लिया है.
बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद से एक खोपचे में सिमट गई पाकिस्तानी आईएसपीआर एक बार फिर से कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण करने की फिराक में है. इसके लिए इंटरनेशनल जर्नलिस्ट और सेलेब्रेरीटीज को पत्रकारिता के नाम पर प्रोपेगेंडा करना की साजिश रच रही है आईएसपीआर. हालांकि, पाकिस्तान की झूठी नैरेटिव गढ़ने की साजिश भारत के सामने ज्यादा दिन तक टिकने वाली नहीं है.