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चोर-चोर मौसेरे भाई, पाकिस्तान को बांग्लादेश की याद आई

चोर-चोर मौसेरे भाई वाला मुहावरा आजकल पाकिस्तान और बांग्लादेश पर सटीक बैठ रहा है. बंगबंधु मुजीबुर्रहमान की निशानियां मिटाने वाले बांग्लादेश को पाकिस्तान ने अपना बिछड़ा हुआ भाई बताया है. पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने जल्द ही बांग्लादेश के दौरे का ऐलान करते हुए कहा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश की हर संभव मदद करेगा, क्योंकि बांग्लादेश बिछड़ा हुआ है. 

बांग्लादेश हमारा बिछड़ा हुआ भाई है: पाकिस्तान

पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार, जल्द ही बांग्लादेश का दौरा करने वाले हैं. ये दौरा हाल ही में अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस और पाक पीएम शहबाज शरीफ के बीच काहिरा में हुई मुलाकात के बाद होगा. उस मुलाकात में पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने भी बांग्लादेश को अपना भाई बताया था और 1971 के मुद्दों को सुलझाने की बात कही थी और बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति जताई थी. अब शहबाज शरीफ की मीटिंग के बाद इशाक डार ने कहा है कि बांग्लादेश हमारा बिछड़ा हुआ भाई है.

गरीबी से जूझ रहे पाकिस्तान को आई भारत की याद

गरीबी और महंगाई से बेहाल पाकिस्तान ने भारत से संबंध सुधारने की बात कही है. इशाक डार ने भारत से द्विपक्षीय संबंध सुधारने की गुजारिश की है. इशाक डार ने व्यापारिक संबंधों पर बोलते हुए भारत और पाकिस्तान के संबंधों को बेहतर बनाने की बात कही.

पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा, रिश्ते सुधारने के लिए दोतरफा प्रयास करने की जरूरत है. द्विपक्षीय रिश्तों को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए एक वातावरण बनाना चाहिए. इशाक डार ने कहा- संबंधों को बेहतर बनाने के लिए दो लोगों की जरूरत होती है, ये एकतरफा नहीं हो सकता. भारत के साथ संबंधों को बेहतर करने में मदद के लिए माहौल बनाया जाए. 

भारत नहीं डालता है पाकिस्तान के सामने चारा

उरी और पुलवामा हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान में द्विपक्षीय संबंध समाप्त हैं. जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म करने के दौरान पाकिस्तान ने कश्मीरी लोगों को भड़काने की कोशिश की, जिससे संबंध और पटरी से उतर गए थे. चाहे पीएम मोदी हों, अमित शाह हों, राजनाथ सिंह हों या फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर, सभी ने पाकिस्तान को दो टूक कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद तो बढ़ावा देता रहेगा, कोई बातचीत नहीं की जाएगी.

पिछले साल अक्टूबर के महीने में जब विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान में एससीओ की बैठक में भाग लेने पहुंचे थे, तो पहले ही कह दिया था कि वो सिर्फ एससीओ की बैठक में शिष्टाचार के लिए जा रहे हैं, वो कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं करेंगे. 

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