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पाकिस्तान-चीन का दावा झूठा, इंडोनेशिया ने की रफाल डील

ऑपरेशन सिंदूर की जबर्दस्त सफलता के बाद चर्चा में रफाल फाइटर जेट. आतंकियों के ठिकानों को तबाह करने वाले वायुसेना के ऑपरेशन के बाद फ्रांस की बल्ले-बल्ले हो गई है, क्योंकि रफाल की डिमांड इन दिनों बढ़ गई है. इंडोनेशिया ने फ्रांस से 42 रफाल फाइटर जेट का सौदा किया है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मौजूदगी में जकार्ता में इस डील पर हस्ताक्षर हुए.

रफाल के खिलाफ काम नहीं आया पाकिस्तान-चीन का दुष्प्रचार 

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सुखोई लड़ाकू विमानों के साथ-साथ रफाल फाइटर जेट की स्कैल्प, हैमर और मिटयोर मिसाइल के जरिए पाकिस्तानी एयरबेस और आतंकी कैंपों को जबरदस्त तरीके से नुकसान पहुंचाया था. लेकिन हमले के तुरंत बाद ही पाकिस्तान और चीन की सरकारी मीडिया ने रफाल के नाकाम होने की सच्ची-झूठी खबरों का प्रचार-प्रसार करना शुरू कर दिया था. लेकिन झूठ की बुनियाद पर प्रोपेगेंडा भी आतंकी कैंप की तरह ध्वस्त हो गया है. इंडोनेशिया ने फ्रांस से बड़ी रफाल डील की है.

2026 में इंडोनेशिया को मिलेगा पहला रफाल जेट

कुछ दिनों पहले चीन ने ये खबर उड़ा दी थी कि इंडोनेशिया ने फ्रांस के साथ रफाल डील कैंसिल कर दी है.लेकिन फ्रांस और इंडोनेशिया ने डील साझा करके चीन के मुंह पर ताला लगा दिया है. इंडोनेशिया से रफाल डील की जानकारी साझा करते हुए दासो कंपनी के सीईओ एरिक टैपयिर ने कहा कि 2026 में इंडोनेशिया को पहला रफाल फाइटर जेट मिलेगा. आपको बता दें कि फ्रांस की दासो कंपनी ही रफाल लड़ाकू विमानों का निर्माण करती है.

आत्मनिर्भर भारत के तहत रफाल में ब्रह्मोस, अस्त्रा का इंटीग्रेशन

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाते हुए रफाल में स्वदेशी हथियारों का इंटीग्रेशन भी किया जाएगा. इन हथियारों में अस्त्रा और ब्रह्मोस (एंटी-शिप) मिसाइल शामिल हैं. फ्रांस की दासो कंपनी कैरियर-बॉर्न रफाल फाइटर एयरक्राफ्ट का निर्माण करेगी. रफाल के फ्यूसलाज और एमआरओ फैसिलिटी भारत में स्थापित होने से भविष्य में भारतीय वायुसेना को अतिरिक्त लड़ाकू विमान की कमी पूरी की जा सकेगी. 

माना जा रहा है कि अगले तीन साल में भारतीय नौसेना को दासो से पहला मेरीटाइम वर्जन मिल जाएगा. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वर्ष 2030 यानी डील पर हस्ताक्षर होने के अगले पांच सालों में सभी 26 रफाल एम विमान नौसेना को मिल जाएंगे. इन रफाल एम की तैनाती आईएनएस विक्रांत पर की जाएगी. पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान से शुरू हुई तनातनी के बाद भारतीय नौसेना ने आईएनएस विक्रांत को अरब सागर में तैनात कर दिया था. इस दौरान मिग-29के ही विक्रांत पर तैनात थे.

2019 से भारतीय वायुसेना के पास रफाल लड़ाकू विमान

भारतीय वायुसेना भी वर्ष 2019 से फ्रांस से लिए 36 रफाल लड़ाकू विमान ऑपरेट करती है. पिछले महीने ही भारत ने फ्रांस से रफाल (राफेल) लड़ाकू विमानों के 26 मरीन वर्जन के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे. डील के अनुसार, फ्रांस 26 फाइटर जेट के साथ हथियार और दूसरे सैन्य उपकरण के अलावा भारत में रफाल फाइटर जेट के फ्यूसलाज के लिए एक निर्माण फैसिलिटी बनाएगा और एमआरओ (मेंटेनेंस, रिपेयरिंग ओवरहालिंग) सेंटर भी स्थापित करेगा.

वहीं रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वायुसेना के 36 रफाल फाइटर जेट डील की तरह है नौसेना के लिए होने वाला सौदा भी इंटरगर्वमेंटल एग्रीमेंट (आईजीए) यानी दोनों देशों की सरकारों के बीच हुआ है. डील के मुताबिक, भारत को फ्रांस से 22 सिंगल सीटर डेक-बेस्ड फाइटर जेट मिलेंगे और चार (02) टू इन ट्रेनर एयरक्राफ्ट. इसके साथ ही पायलट की ट्रेनिंग, सिम्युलेटर (वर्चुयल ट्रेनिंग), हथियार और दूसरे सैन्य साजो सामान तथा लॉजिस्टिक की जिम्मेदारी भी फ्रांस की होगी.

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