पड़ोसी (दुश्मन) देश पाकिस्तान की हालत ‘रस्सी जल गई पर ऐंठन नहीं गई’ वाली है. हर देश से कश्मीर पर दुत्कारे जाने और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की चेतावनी वाले बयान के बाद पाकिस्तान फिर कश्मीर का राग अलापने लगा है.
हाल ही में एस जयशंकर ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा था कि पाकिस्तान के साथ ‘बातचीत का युग खत्म’ हो गया है. अब पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि “कश्मीर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विवादित मुद्दा है. इसका समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएसी) के प्रस्तावों के तहत किया जाना चाहिए.”
कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय विवादित मुद्दा: पाकिस्तान
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने एस जयशंकर के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. मुमताज जहरा बलूच ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के विवाद को एकतरफा तरीके से नहीं सुलझाया जा सकता है. यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित है. इसे सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीर के लोगों की इच्छाओं के मुताबिक हल किया जाना चाहिए. इस अनसुलझे विवाद का समाधान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है. पाकिस्तान कूटनीति और बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का वह दृढ़ता से जवाब देगा.”
एस जयशंकर की लताड़ से बिलबिलाया पाकिस्तान
शुक्रवार को एस जयशंकर ने एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर पाकिस्तान को लेकर कड़ी बात बोली थी. एस जयशंकर ने साफतौर पर कहा था कि “पाकिस्तान के साथ अब कोई बातचीत नहीं होगी. पाकिस्तान पर बातचीत का युग खत्म हो गया है.”
एस जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरते हुए कहा था कि “पाकिस्तान को उसी के भाषा में जवाब मिलेगा. पाकिस्तान के हर सकारात्मक और नकारात्मक कदम पर उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा.”
“जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है”
पाकिस्तान हमेशा यूएन में जम्मू कश्मीर का रोना लेकर पहुंच जाता है, क्योंकि मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक की होती है. मोदी सरकार की आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति है और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म किया जा चुका है. पिछले पांच साल में पाकिस्तान की आतंक परस्त सोच पर लगाम लगाई जा चुकी है. पत्थरबाजी रुक गई है. कश्मीर के लोग बंदूक से ज्यादा बैलेट पर यकीन करने लगे हैं. चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. इन्हीं सभी स्थितियों को पाकिस्तान पचा नहीं पा रहा है.
पाकिस्तान, हमेशा घुसपैठ के जरिए जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की फिराक में रहता है. अब यूएन में कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय विवाद होने की वकालत कर रहा है. भारत सरकार की नीति हालांकि, बिल्कुल साफ है. भारत ने पाकिस्तान को और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी कई बार इस बात को दोहराया है कि “जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा.”
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