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रेल ट्रैक उखाड़ने की साजिश बेनकाब, 20 साल बाद जिंदा हुआ पाकिस्तानी गोरी

पहले कभी साइकिल बम तो कभी कुकर बम से धमाके, फिर फिदायीन हमला, फिर लोन वुल्फ अटैक, फिर परफ्यूम स्प्रे से धमाका करना और अब रेल की पटरी को नुकसान पहुंचाने की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. ऐसा खुलासा जिसने यूपी से लेकर राजस्थान तक हड़कंप मचा दिया है. ऐसी आशंका है कि आतंकी अब रेल की पटरी को नुकसान पहुंचाकर बड़े आतंकी साजिश को अंजाम देने की फिराक में हैं. इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘टेलीग्राम’ पर सामने आया है जिसमें पाकिस्तान में बैठा भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी फरहतुल्ला गोरी रेल की पटरियों को नुकसान पहुंचाने के लिए लोगों को उकसा रहा है. 

आतंकियों की ट्रेन पलटाने की साजिश, ताकि इस ओर कभी शक ही नहीं जाता कि जानबूझकर ट्रेन को हादसे का शिकार बनाया गया है. यही लगता रहता कि ड्राइवर या फिर सिग्नल की वजह से ट्रेन का हादसा हुआ. लोग रेलवे प्रशासन को कोसते रहते, लोग रेल मंत्रालय पर सवाल खड़े करते, विपक्षी पार्टियां रेल मंत्री का इस्तीफा मांगती रहती. गनीमत रही कि कानपुर और अजमेर में बड़ी साजिश टल गई. 

कानपुर में जो कुछ भी हुआ एनआईए से लेकर यूपी एटीएस जांच में जुटी हुई है. सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि कानपुर में जो हुआ उसका कनेक्शन कहीं ना कहीं आईएसआई परस्त आतंकी फरहतुल्ला गोरी से है, क्योंकि भारत के मोस्टवांटेड आतंकी फरहतुल्ला गोरी ने हाल ही में वीडियो के जरिए रेल की पटरियों को नुकसान पहुंचाने की बात कही थी. साजिश का एक-एक तार खोलेंगे पर पहले जानिए की कानपुर और अजमेर में क्या हुआ? 

कानपुर में ट्रेन में आग लगाने की साजिश नाकाम

रविवार को फुल स्पीड में कालिंदी एक्सप्रेस दौड़ रही थी. प्रयागराज से भिवानी तक जाने वाली ट्रेन की पटरी पर कानपुर के पास एक एलपीजी सिलेंडर रखा गया था. लोको पायलट ने अचानक ब्रेक लगाकर एक बड़े हादसे को टाल दिया. सवाल था कि एलपीजी सिलेंडर रेल की पटरी पर क्यों रखा गया था? फौरन जांच एजेंसियां मौके पर पहुंचीं तो ना सिर्फ एलपीजी सिलेंडर बल्कि मौके से पेट्रोल बम, बारूद के पैकेट्स और माचिस भी मिले. आशंका है कि ट्रेन में आग लगाए जाने की साजिश थी. पर लोको पायलट की सूझबूझ के चलते बड़ी वारदात टाल दी गई. हादसे के बाद यूपी पुलिस, एटीएस, आईबी, एलआईयू से लेकर एनआईए तक एक्शन में है. यूपी एटीएस मामले में बेहद गहनता से जांच कर रही है. कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है.

यूपी में पिछले कई दिनों से रेल की पटरियों पर लोहे की रॉड, लकड़ी के खंभे, गैस के सिलेंडर, अलॉय व्हील की रिम जैसी चीजें मिल रही हैं, जो बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं. 

अजमेर में ट्रेन पलटाने की कोशिश नाकाम

कानपुर के अलावा राजस्थान के अजमेर में ट्रेन पलटाने की कोशिश की गई है. ट्रेन की पटरी पर सीमेंट के बड़े-बड़े ब्लॉक रखे गए थे. हालांकि हादसा टल गया. बताया जा रहा है कि अजमेर के मांगलियावास इलाके से गुजरने वाले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की पटरी रविवार रात को दो सीमेंट के ब्लॉक रखे गए. दोनो सीमेंट ब्लॉक 70 किलो वजनी थे. रूट पर गुजरने वाली एक मालगाड़ी सीमेंट ब्लॉक से टकरा गई. इस हादसे में कोई नुकसान नहीं हुआ. पुलिस और रेलवे की टीम इस मामले की अब जाँच कर रहे हैं. राजस्थान में इससे पहले पाली में भी सीमेंट ब्लॉक रख कर ही ट्रेन पलटाने की साजिश रची गई थी. पाली में दो दिन वन्दे भारत वाले रूट पर सीमेंट ब्लॉक रखे गए थे.

अलीगढ़ में भी थी ट्रेन पलटाने की साजिश 

कानपुर और अजमेर के अलावा अलीगढ़ में भी ट्रेन पलटाने की साजिश रची गई थी. अलीगढ़ में पटरी पर मोटरसाइकिल का पहिया रखा गया था. कानपुर में भी साबरमती एक्सप्रेस के रास्ते में लोहे का भारी टुकड़ा रखा गया था. इसके अलावा और भी कई हिस्सों में ऐसी ही साजिश सामने आई है. और ऐसे कई वीडियो भी सामने आए थे जिसमें बच्चों के जरिए पटरी की फिश प्लेट निकाली जा रही थी. अलग-अलग जगहों पर पटरी की फिश प्लेट गायब मिलीं. फिश प्लेट जो पटरी को कनेक्ट करने के लिए बेहद अहम होती हैं.

रेल की पटरी वाली साजिश का क्या है फरहतुल्ला गोरी का कनेक्शन?

जांच एजेंसियां सारी वारदातों की कड़ियां जोड़ रही हैं. इस बीच 28 अगस्त को ‘टेलीग्राम’ पर डाला गया आतंकी फरहतुल्ला का एक वीडियो हर किसी के जेहन में कौंध रहा है. पाकिस्तान में छिपे बैठे भारत के वांटेड फरहतुल्ला गोरी ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया था. जिसमें गोरी ने भारत की पटरियों को क्षतिग्रस्त करने, फिदायीन अटैक बढ़ाने और लोन वुल्फ हमले करने का निर्देश दिया था. टीएफए  मामले की संवेदनशीलता समझता है, लिहाजा भारत के वांटेड और दुश्मन फरहतुल्ला के भड़काऊ बातों का जिक्र नहीं करेंगे, क्योंकि उसकी एक एक बात भारत के विरुद्ध और आंतरिक सुरक्षा के खिलाफ है. 

बस आप ये जानिए की ये वही आतंकी है, जिसने साल 2002 में गुजरात में अक्षरधाम मंदिर हमले की साजिश रची थी. 2005 में हैदराबाद में टास्क फोर्स ऑफिस पर आत्मघाती हमले में भी गोरी का नाम सामने आया था तो इसी साल बेंगलुरु में हुए रामेश्वरम कैफे धमाके के पीछे भी इसी वांटेड आतंकी का कनेक्शन होने का शक है. क्योंकि फरहतुल्लाह गोरी और उसके दामाद शाहिद फैजल का दक्षिण भारत में एक बड़ा स्लीपर सेल नेटवर्क है. कैफे में ब्लास्ट से पहले गोरी का दामाद शाहिद दोनों हमलावरों के संपर्क में था, शाहिद इस ब्लास्ट का हैंडलर भी था. जांच एजेंसी एनआईए ने इस मामले में दो मुख्य आरोपियों अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब को पकड़ा था.

समय समय पर ऐसी खबरें भी आई हैं कि गोरी ऑनलाइन आतंकियों की भर्ती करता है, और युवाओं में जहर भरकर ब्रेनवॉश करता है. गोरी को भारत सरकार ने यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किया है. गोरी की धमकी के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं तो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी मामले को संवेदनशील करार दिया है. 

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