बातचीत के लिए गिड़गिड़ा रहा है पाकिस्तान लेकिन जहर उगलने से बाज़ नहीं आ रहा. दाने-दाने के लिए मोहताज है, लेकिन जनाब शहबाज शरीफ कश्मीर की बातें करने से पीछे नहीं हटते.
दुनिया में आतंकियों को पनाह देने के मामले में थू-थू हो रही है, खुद भी आतंक की आग में झुलस रहे हैं. अपना घर देखने के बजाए 370 हटना आंखों में चुभ रहा है. भारत की विदेश नीति के आगे पूरी दुनिया नतमस्तक है तो शहबाज शरीफ के सुर बातचीत करने पर आ गए हैं.
बातचीत से हो समाधान, याद आया लाहौर समझौता
मुजफ्फराबाद में शहबाज शरीफ ने कहा, “हम चाहते हैं कि कश्मीर समेत सभी मुद्दों का समाधान बातचीत के जरिए हो. भारत को 5 अगस्त 2019 (अनुच्छेद 370 हटने का दिन) की सोच से बाहर आना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र से किए गए वादों को पूरा करना चाहिए और बातचीत शुरू करनी चाहिए.”
शहबाज शरीफ बोले, “पाकिस्तान और भारत के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता बातचीत है, जैसा कि 1999 के लाहौर घोषणापत्र में पहले ही लिखा जा चुका है. जिस पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पाकिस्तान दौरे के दौरान सहमति बनी थी.”
हथियार जमा करने का आरोप, कश्मीर के लोगों को भड़काया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीरी लोगों के साथ अटूट समर्थन दोहराया है. ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ के मौके पर मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने भारत पर हथियार जमा करने का भी आरोप लगाया. शहबाज शरीफ ने कहा, “हथियार जमा करने से शांति नहीं आएगी और इस क्षेत्र के लोगों की किस्मत नहीं बदलेगी. भारत समझदारी से काम करे क्योंकि प्रगति का रास्ता शांति है. पाकिस्तान कश्मीरियों को उनके आत्मनिर्णय के अधिकार की प्राप्ति तक अपना नैतिक, कूटनीतिक और राजनीतिक समर्थन जारी रखेगा.” (जैश-लश्कर ने मिलाया हमास से हाथ, कश्मीर में आतंक को जिंदा करने की साजिश)
रुको जरा, सब्र करो, विदेश मंत्रालय का आना है जवाब
शहबाज शरीफ और पीओके के पीएम अनवारुल हक ने जो आग उगली है, इसका जवाब जब हिंदुस्तान देगा तो शहबाज और अनवारुल कहीं टिकेंगे नहीं. बातचीत की टकटकी लगाए पाकिस्तान की उसी दिन इज्जत उतर गई थी, जब एससीओ में गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये कह दिया था कि “वो दौरा सिर्फ बहुपक्षीय कार्यक्रम है. पाकिस्तान में भारत के साथ संबंधों पर बात नहीं की जाएगी. मैं पाकिस्तान सिर्फ शंघाई सहयोग संगठन के तौर पर जा रहा हूं, चूंकि मैं सभ्य हूं इसलिए उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा.”
भारत ने बार-बार कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकियों को भेजना नहीं बंद करेगा, कोई बातचीत नहीं होगी, क्योंकि शत्रुता के माहौल में पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध नहीं होंगे. भारत ने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न अंग थे, हैं और रहेंगे.”
माना जा रहा है कि शहबाज शरीफ की टिप्पणी पर जल्द ही विदेश मंत्रालय जवाब देगा और विदेश मंत्रालय जब बोलेगा तो पाकिस्तान के पीएम मुंह छिपाते नजर आएंगे. (पीओके में ओसामा की छत्र-छाया, हमास और जिहादियों ने लगाया मजमा)