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पाकिस्तान की चापलूसी जारी, अमेरिकी कमांडर को दिया निशान-ए-इम्तियाज

गजब की चापलूसी है भाई, भारत के खिलाफ एयर डिफेंस सिस्टम और मिसाइल की चाहत रखने वाला पाकिस्तान पूरी तरह से अमेरिका को रिझाने में जुटा हुआ है. पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड को नोबल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया और अब पाकिस्तान ने अमेरिकी सेन्ट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल ए. कुरिल्ला को ‘निशान-ए-इम्तियाज (मिलिट्री)’ से नवाजा है. 

जनरल माइकल कुरिल्ला वही वरिष्ठ अमेरिकी कमांडर हैं, जिन्होंने पहलगाम नरसंहार और ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को पटखनी के बाद भी सराहा था. माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद का पीड़ित बताया था.

आतंकवाद पर अमेरिका का डबल स्टैंडर्ड एक बार फिर सामने आ गया है, क्योंकि टीआरएफ को बैन करने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार से मुलाकात की है, और रुबियो ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान की तारीफ की है. 

जनरल माइकल कुरिल्ला को पाकिस्तान ने दिया निशान-ए-इम्तियाज

पाकिस्तान में हुए एक भव्य समारोह में अमेरिकी सेन्ट्रल कमांड (सेंटकॉम) के प्रमुख जनरल माइकल ए. कुरिल्ला को ‘निशान-ए-इम्तियाज (मिलिट्री)’ से नवाजा गया. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अमेरिकी जनरल को ये सम्मान दिया. माइकल कुरिल्ला को क्षेत्रीय सुरक्षा और द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को मजबूत करने में योगदान के लिए प्रतिष्ठित निशान-ए-इम्तियाज (सैन्य) पुरस्कार दिया गया है.

जनरल कुरिल्ला के पाकिस्तान दौरे के दौरान उन्हें राष्ट्रपति भवन में तीनों सेनाओं की गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. पाकिस्तान में माइकल कुरिल्ला अमेरिका, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के एक सम्मेलन में भी शामिल हुए.

माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को बताया था आतंकवाद का पीड़ित

इस पुरस्कार से पहले अमेरिकी सेंट्रल कमांड के कमांडर माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान की शान में कसीदे पढ़े थे. जिस पाकिस्तान ने लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के जरिए भारत में पहलगाम नरसंहार को अंजाम दिया, उस आतंकिस्तान से दोस्ती गांठने में जुटे कुरिल्ला ने कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ अहम पार्टनर है.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को ‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक असाधारण साझेदार बताया था. माइकल कुरिल्ला ने कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद पीड़ित है और पाकिस्तानी सेना आतंकियों से लड़ रही है.

अमेरिका की एक संसदीय (कांग्रेस) कमेटी के समक्ष उपस्थित होकर पाकिस्तान का गुणगान किया है. जनरल कुरीला के मुताबिक, 2024 के बाद से पाकिस्तान में अफगानिस्तान से सटे इलाकों में करीब एक हजार आतंकी हमले हुए हैं. ये हमले तालिबान शासन के डर से अफगानिस्तान से भागे आईएसआईए और दूसरे आतंकी संगठनों ने कराए थे. इन हमलों में पाकिस्तान के 700 सैनिक और 2500 नागरिकों की जान गई है. बावजूद इसके पाकिस्तानी सेना इन आतंकियों के खिलाफ लड़ रही है.

इशाक डार से मार्को रुबियो की मुलाकात, रुबियो ने की पाकिस्तान की तारीफ

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच इसी सप्ताह अमेरिका में मुलाकात हुई. इस दौरान रुबियो ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान की तारीफ की और शाबाशी दी है. 

अमेरिका पहुंचे पाकिस्तान विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराने और तनाव कम करने के लिए अमेरिकी की भूमिका के आभारी हैं.

अमेरिका का ये दोहरा चरित्र ही है कि हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के संगठन टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित किया था. इस संगठन ने ही जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. अब पाकिस्तान को आतंकवाद का मुकाबला करने वाला बताया है.

चीन को छोड़ अमेरिका की क्यों चापलूसी कर रहा है पाकिस्तान

पाकिस्तान कंगाली से जूझ रहा है. एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के बाद भी पाकिस्तान में आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं. वहीं ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिस तरह से चीनी एयर डिफेंस सिस्टम और हथियार बुरी तरह से फेल हुए, पाकिस्तान चाहता है कि भारत से मुकाबले के लिए उसे अमेरिका से हथियार दिए जाएं.

चूंकि अमेरिका एफएटीएफ का संस्थापक सदस्य है, इसलिए पाकिस्तान रिझाने में जुटा हुआ है. पाकिस्तान को डर है कि कहीं भारत की कोशिशों के बाद पाकिस्तान एक बार फिर से एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में न आ जाए, ऐसे में अमेरिका वो देश है, जो पाकिस्तान को बचा सकता है.

पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान पर चीन का भी बड़ा दबाव है. ऐसे में पाकिस्तान, चीन को भी ये संदेश देना चाहता है कि वो सिर्फ चीन पर ही नहीं निर्भर है. जरूरत पड़ी तो अमेरिका भी पाकिस्तान के साथ खड़ा है.

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