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पाकिस्तान का ईरानी राजदूत अमेरिका का मोस्टवांटेड, भारत के खिलाफ की थी बयानबाजी

पाकिस्तान में ईरानी राजदूत रजा अमीरी को अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने मोस्टवांटेड बताया है. एफबीआई एजेंट रॉबर्ट लेविंसन के अपहरण और हत्या के मामले में अमेरिका ने ईरान राजदूत समेत 3 लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. एफबीआई की ओर से बताया गया है कि ईरानी राजदूत रजा अमीरी ने एफबीआई एजेंट रॉबर्ट को किडनैप करने की प्लानिंग की, उसे किडनैप करके छिपाने में मदद की.  

एफबीआई ने ईरानी राजदूत को बताया मोस्टवांटेड, जारी किया पोस्टर

एफबीआई ने सोशल मीडिया पर ईरानी अधिकारियों के खिलाफ पोस्टर जारी किए हैं. इस पोस्टर में पाकिस्तान में ईरानी राजदूत रजा अमीरी का नाम है. रजा अमीरी के अलावा ईरान के 2 और सीनियर खुफिया अधिकारियों तागी दानेश्वर (सैय्यद तागी घामी) और गुलामहुसैन मोहम्मदनिया का नाम भी शामिल है. एफबीआई का दावा है कि इन तीनों ईरानी अफसरों ने न सिर्फ एफबीआई एजेंट लेविंसन के अपहरण में भूमिका निभाई, बल्कि तीनों ने ईरान सरकार को बचाने के लिए झूठ बोला था. 

एफबीआई अधिकारी स्टीवन जेन्सन का आरोप है कि ये तीनों अधिकारी उस प्लान का हिस्सा थे, जिसमें लेविंसन को अगवा किया गया और फिर इस मामले को छुपाया गया.

एजेंट रॉबर्ट लेविंसन को जानिए, जिनके लिए खाक छान रही एफबीआई

8 मार्च 2007 को ‘बॉब’ लेविंसन जब ईरान के किश द्वीप पहुंचे थे, तो अगले ही दिन अचानक वो गायब हो गए थे. मार्च 2007 से लेकर अब तक एफबीआई अपने एक्सपर्ट एजेंट बॉब की जानकारी हासिल कर रही है. 

एफबीआई के मुताबिक एजेंट बॉब लेविंसन को बंदी बनाकर रखा गया और फिर शायद उनकी मौत भी कैद में रहते हुए ही हुई. साल 2010-11 में लेविंसन का एक वीडियो और कुछ तस्वीरें सामने आई थीं, जिनमें वो जिंदा दिखाई दे रहे थे. 

एफबीआई का मानना है कि रॉबर्ट के अपहरण के पीछे रजा अमीरी, गुलाम हुसैन मोहम्मदनिया सैयद तागी घामी थे. ईरानी राजदूत बनने से पहले रजा ईरान के खुफिया विभाग (एमओआईएस) में एक सीनियर अफसर रह चुके हैं. यूरोप में ईरान के खुफिया एजेंट रेजा की निगरानी में ही काम करते थे.

पाकिस्तान में रजा अमीरी, बाकी दोनों अफसर खुफिया विभाग में हैं तैनात

रजा अमीरी पाकिस्तान में मौजूदा ईरानी राजदूत है. वहीं बाकी दो मोस्टवांटेड अफसरों में तागी दानेशवर इस वक्त ईरान के खुफिया मंत्रालय में काउंटर-इंटेलिजेंस का अफसर है. तागी पर आरोप है कि उसने लेविंसन के लापता होने के दौरान एक ऑपरेटिव मोहम्मद बसेरी की निगरानी की थी. 

वहीं, गुलामहुसैन मोहम्मदनिया खुफिया मंत्रालय के डिप्टी चीफ रह चुका है. वो साल 2016 में अल्बानिया में ईरान के राजदूत भी था. साल 2018 में अल्बानिया ने देश से बाहर निकाल दिया था. मोहम्मदनिया पर आरोप था कि वो अल्बानिया में आतंकी हमलों की साजिश रची थी. 

एफबीआई ने बताया कि ईरानी अधिकारी मोहम्मदनिया ने लेविंसन के गायब होने की साजिश का दोष पाकिस्तान के बलूचिस्तान इलाके में सक्रिय एक आतंकी संगठन पर डालने की कोशिश की थी. हालांकि एफबीआई ने ये भी कहा है कि वो अभी भी ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि लेविंसन का अपहरण कैसे और किन लोगों ने किया था.

भारत के खिलाफ ईरानी राजदूत रजा अमीरी ने की थी बयानबाजी

ईरान के राजदूत रजा अमीरी मोघद्दम ने हाल ही में एक विवाद‍ित बयान दिया था. इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष के दौरान रजा अमीरी ने पाकिस्‍तान के भूमिका की तारीफ की थी, वहीं भारत के लिए कहा था कि “भारत ने कोई मदद नहीं की थी. रजा अमीरी ने कहा था भारत सरकार और इजरायल के बीच करीबी दोस्‍ती है और नई दिल्‍ली अमेरिका के प्रभाव में रहता है. हालांकि भारत की जनता खासकर मुस्लिमों और राजनीतिक दलों की ओर से इजरायल के हमले की निंदा की गई, लेकिन भारत ने ईरान के पक्ष में वोट नहीं किया.”

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