पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो की स्थिति ‘मरता क्या नहीं करता’ वाली जैसी हो गई है. पनामा नहर को कब्जाने की डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद मुलिनो ने चीन की महत्वकांक्षी बीआरआई परियोजना से हाथ खींच लिया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पनामा के राष्ट्रपति की धड़कन बढ़ा दी तो अब अमेरिका विदेश मंत्री मार्को रुबियो के पनामा कैनाल का दौरा करने से टेंशन अधिक बढ़ गई है. नहर को लेकर पनामा के राष्ट्रपति पर ट्रंप का दबाव चीन के खिलाफ काम करना शुरु कर दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के दौरे के बीच पनामा ने चीन को दिया है झटका. चीन की महत्वाकांक्षी योजना बेल्ड एंड रोड एनिशिएटिव यानी बीआरआई (वन बेल्ट वन रोड) से पनामा पीछे हट गया है. राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने कहा है कि पनामा बीआरआई को ‘रिन्यू’ नहीं करेगा.
चीन के वन बेल्ट वन रोड से हटा पनामा
अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप के एक के बाद एक आदेशों के बाद मची वैश्विक उथल पुथल कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक ओर तो ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको को टैरिफ लगाकर दर्द दिया है तो वहीं अब पनामा नहर पर उनकी पैनी नजर है. ट्रंप के दबाव के बीच पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने कहा है कि उनका देश चीन की महत्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड) को रिन्यू नहीं करेगा. दरअसल पनामा साल 2017 में चीन की इस योजना से जुड़ा था. लेकिन अब पनामा जल्द ही चीन की इस योजना से बाहर निकलने जा रहा है.
राष्ट्रपति मुलिनो ने कहा, “अब पनामा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स सहित नए निवेश पर अमेरिका के साथ मिलकर काम करेंगे. हमारी सरकार पनामा पोर्ट्स कंपनी का ऑडिट करेगी. यह कंपनी पनामा नहर के दो बंदरगाहों को ऑपरेट करने वाली चीन की कंपनी के साथ जुड़ी है.” मुलिनो ने कहा कि “हमें पहले ऑडिट पूरा होने का इंतजार करना पड़ेगा.”
पनामा राष्ट्रपति के साथ मार्को रुबियो की द्विपक्षीय वार्ता
रविवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और पनामा के राष्ट्रपति मुलिनो के बीच लंबी बैठक हुई. बैठक में मार्को रुबियो ने पनामा को चेतावनी देते हुए कहा है कि “पनामा नहर क्षेत्र पर चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो ट्रंप प्रशासन आवश्यक कदम उठाने को तैयार होगा.”
अमेरिकी विदेश विभाग के जारी बयान में बताया गया कि बैठक में विदेश सचिव रुबियो ने स्पष्ट किया कि “नहर की मौजूदा स्थिति को स्वीकार नहीं किया जाएगा. इसमें तत्काल परिवर्तन नहीं किया गया तो अमेरिका को समझौते के तहत अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे.” (https://x.com/SecRubio/status/1886140933638430788)
रुबियो ने नहर पर कब्जा करने की कोई धमकी नहीं दी: मुलिनो
पनामा के राष्ट्रपति मुलिनो ने मार्को रुबियो के साथ बैठक को सम्मानजनक और सकारात्मक बताया, मुलिनो ने कहा “रुबियो ने नहर पर कब्जा करने या बल प्रयोग करने की कोई धमकी नहीं दी.” लेकिन राष्ट्रपति मुलिनो ने बैठक के बाद इस बाद की घोषणा जरूर की कि अब पनामा चीन की बेल्ट एंड रोड पहल के साथ अपने समझौते को रिन्यू नहीं करेगा.” (https://x.com/SecRubio/status/1886263368987668956)
ट्रंप की नई धमकी, रुबियो ने किया पनामा नहर का दौरा
रविवार शाम को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने प्रशासक रिकोर्टे वास्केज के साथ नहर का दौरा किया. रुबियो ने ताला पार किया और नियंत्रण टॉवर का दौरा किया. प्रशासक ने कहा- कि जलमार्ग पनामा के हाथों में रहेगा और सभी देशों के लिए खुला रहेगा.
इस बीच डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से पनामा के जरिए चीन को धमकाया है. ट्रंप ने अपने ताजा बयान में कहा है कि “अमेरिका पनामा को अब हर हालत में वापस लेकर रहेगा और इसके लिए हम अब कुछ बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं.” ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में कहा “असल मायने में पनामा को चीन चला रहा है, जबकि इस नहर को चीन को नहीं सौंपा गया था. पनामा नहर बेवकूफाना तरीके से पनामा को सौंपी गई थी. लेकिन उन्होंने एग्रीमेंट का उल्लंघन किया. हम इसे वापस लेकर रहेंगे. हम इसे वापस लेने जा रहे हैं. या कुछ बहुत शक्तिशाली होने वाला है.”
पनामा नहर में क्या है चीन का रोल?
पनामा में चीनी कंपनियों की मौजूदगी है. अक्तूबर 2023 से सितंबर 2024 तक पनामा से होकर गुजरने वाले जहाजों में 21.4 फीसदी प्रोडक्ट चीन का था. अमेरिका के बाद चीन ही पनामा नहर का सबसे अधिक इस्तेमाल करने वाला देश है. हाल के वर्षों में चीन ने नहर के पास बंदरगाहों और टर्मिनलों में भी भारी निवेश किया. नहर से सटे पांच बंदरगाहों में से दो बाल्बोआ और क्रिस्टोबल बंदरगाह को साल 1997 से ही चीनी कंपनी हचिसन पोर्ट होल्डिंग्स की सहायक कंपनी संचालित कर रही है.