संसद पर हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर बुधवार को एक बार फिर बड़ी सुरक्षा चूक सामने आई है. लोक सभा की कार्यवाही के दौरान एक युवक ने दर्शक-दीर्घा से सांसदों के बैठने की जगह पर छलांग लगाकर पूरे सदन में कलर-स्मोक फैला दिया. हालांकि, इस घटना से किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन इससे संसद की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने शुरु हो गए हैं. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक महिला सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया है.
बुधवार दोपहर सदन की कार्यवाही जारी थी जब आरोपी ने सांसदों के बैठने वाली जगह पर छलांग लगाई और फिर जूते में छिपाकर लाए स्मोक-कैनिस्टर से सदन में पीले रंग का धुआं कर दिया. गनीमत रही कि ये आयोजनों में किया जाने वाला धुंआ था जिससे सदन में मौजूद सांसदों पर कोई असर नहीं हुआ. घटना के वक्त सांसद राजेंद्र अग्रवाल स्पीकर की कुर्सी पर आसीन थे और उन्होंने तुरंत सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. संसद टीवी में उस दौरान लाइव प्रसारण जारी था जिसमें साफ देखा जा सकता है कि युवक सांसदों की बेंच पर कूद कूद कर आगे की तरफ जा रहा है. लेकिन इस दौरान चौकन्ना सांसदों ने युवक को बीच में ही रोक कर पकड़ लिया. इस दौरान संसद की सुरक्षा में तैनात कोई कर्मी नहीं दिखाई पड़ता है और ना ही संसद की वॉच एंड वार्ड स्टाफ का कोई सदस्य वहां दिखाई पड़ता है.
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सदन में मौजूद नहीं थे. दोनों ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीजेपी के नए मुख्यमंत्री के शपथ-ग्रहण समारोह में हिस्सा ले रहे थे. दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जरूर मौजूद थे लेकिन ये साफ नहीं है कि वे सदन में मौजूद थे या नहीं. सदन में धुएं के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जरूर दिखाई पड़ रहे हैं.
बाद में सांसदों की गिरफ्त में आए युवक का वीडियो भी सामने आया जिसमें कई सांसद उसे पीटते हुए देखे जा सकते हैं. सांसदों ने बाद में बताया कि आरोपी युवक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया है. कुछ सांसदों ने बताया कि दर्शक-दीर्घा से कूदने वाले दो युवक थे. हालांकि, अभी तक पुलिस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
हैरानी की बात ये है कि जिस वक्त सदन के अंदर युवक स्मोक कैनिस्टर चला रहा था उसी वक्त संसद के बाहर पार्लियामेंट स्ट्रीट पर भी एक महिला और एक युवक इसी तरह के कैनिस्टर से सड़क पर धुंआ कर रहे थे. वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने तुरंत दोनों को हिरासत में ले लिया. पुलिस हिरासत में महिला खुद को बेरोजगार बताते हुए तानाशाही नहीं चलेगी कि नारे लगा रही थी. इसी तरह के नारे कुछ सांसदों ने संसद में कूदने के दौरान युवक के मुंह से भी सुने थे. हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं है कि क्या ये तीनों-चारों आरोपी एक दूसरे से संबंधित हैं और इनका इस घटना को अंजाम देने के पीछे असल मकसद क्या है.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही अमेरिका में रह रहे खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 13 दिसंबर से पहले संसद पर हमले की धमकी दी थी. लेकिन अभी तक ये साफ नहीं है कि बुधवार की घटना का पन्नू से किसी भी तरह का कोई संबंध है.
13 दिसंबर 2001 को संसद पर एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था. पाकिस्तान समर्थित जैश ए मोहम्मद और लश्कर ने तैयबा आतंकी संगठनों ने मिलकर इस हमले को अंजाम दिया था. आतंकी संसद सुरक्षा का नकली स्टीकर लगी एक कार से संसद परिसर में दाखिल हुए थे और फिर अंधाधुंध फायरिंग शुरु कर दी थी. हमले में सभी पांचों आतंकियों को ढेर कर दिया गया था. लेकिन आतंकियों से लोहा लेते हुए कुल नौ (09) लोग वीरगति को प्राप्त हो गए थे जिनमें सीआरपीएफ, दिल्ली पुलिस और वॉच एंड वार्ड स्टाफ के सदस्य भी शामिल थे.
बुधवार को खुद पीएम मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी सहित सभी वरिष्ठ सांसदों ने वीरगति को प्राप्त हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी. लेकिन बुधवार की घटना ने एक बार फिर संसद की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. फिलहाल संसद की सुरक्षा सीआरपीएफ के हवाले है.