ठीक 23 साल पहले देश की संसद पर हुआ था आतंकी हमला. हमारे वीर जवानों ने अपनी शूरवीरता के चलते अपने प्राण न्यौछावर करते हुए देश की अस्मिता की रक्षा की थी. ऐसे ही वीर जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार (13 दिसंबर) को संसद भवन परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम पुराने संसद भवन-संविधान सदन के बाहर आयोजित किया गया था. क्योंकि ये वही जगह है जहां साल 2001 में आतंकियों ने अटैक करके संसद भवन के अंदर घुसने की कोशिश की थी लेकिन बहादुर जवानों ने आतंकियों के नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया था.
पुराने संसद भवन में शूरवीरों को दी गई श्रद्धांजलि
शहीदों की याद के लिए रखे गए कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और कई सांसदों और मंत्रियों ने आतंकी हमले में बलिदान हुए वीरों को पुष्पांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में अमित शाह, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे भी शामिल हुए.
सीआईएसएफ जवानों ने कार्यक्रम के दौरान सलामी दी और इसके बाद एक मिनट का मौन रखा गया. पिछले साल तक सीआरपीएफ जवान सलामी देते थे पर अब संंसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ जवानों को सौंप दी गई है. (https://x.com/narendramodi/status/1867430016235217120)
भारत आतंकी ताकतों के खिलाफ एकजुट: राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया पर संसद हमले की बरसी पर पोस्ट शेयर की है. जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लिखा, “मैं उन बहादुरों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने 2001 में आज के दिन हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी. उनका साहस और निस्वार्थ सेवा हमें प्रेरित करती रहेगी. राष्ट्र उनके और उनके परिवारों के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहेगा. इस दिन मैं आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत के अटूट संकल्प को दोहराती हूं. हमारा देश आतंकी ताकतों के खिलाफ एकजुट है.”
23 साल पहले संसद भवन पर हुआ था आतंकी हमला
13 दिसंबर 2001 को जैश और लश्कर के आतंकियों ने लाल बत्ती लगी और गृह मंत्रालय के नकली स्टिकर लगी गाड़ी से संसद भवन परिसर में घुसने की कोशिश की थी. शक के आधार पर संसद भवन के सुरक्षाकर्मियों ने जब उस गाड़ी को रोका तो हथियारबंद आतंकियों ने फायरिंग शुरु कर दी थी. सुरक्षाकर्मियों ने आतंकियों को संसद के गेट पर ही घेर लिया और संसद भवन के अंदर नहीं जाने दिया.
भीषण गोलीबारी में 5 आतंकियों ढेर कर दिया गया वहीं एक माली और वीडियो जर्नलिस्ट समेत 8 जवान भी आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. जिस वक्त संसद भवन के बाहर आतंकियों का हमला हुआ था संसद भवन के अंदर 200 से ज्यादा सांसद मौजूद थे. बाद में आतंकियों की गाड़ी से तकरीबन 30 किलो आरडीएक्स बरामद किया गया था.
संसद पर हमले के आरोप में मोहम्मद अफजल गुरु, शौकत हुसैन गुरु, शौकत की पत्नी अफसाना और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एसआर गिलानी को गिरफ्तार किया था. दोषी पाए जाने के बाद अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को फांसी की सजा दी गई. वहीं शौकत हुसैन गुरु को 10 साल जेल की सजा हुई थी. आतंकी हमले को लेकर ये भी खुलासा हुआ था कि जैश और लश्कर आतंकियों के साथ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भी शामिल थी.