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पीओके मांगे आजादी, भारत सरकार का बयान भी आया

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हालात बेकाबू हैं. पाकिस्तानी सेना और शहबाज सरकार के खिलाफ विद्रोह है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने पीओके में हो रहे विरोध प्रदर्शनों और पाकिस्तानी बलों की बर्बरता के खिलाफ बयान जारी करके कहा है कि पाकिस्तान का दमनकारी रवैया और अवैध कब्जा ही इन हालात की जड़ है. 

महंगाई को लेकर शुरु हुए प्रदर्शन उस वक्त उग्र हो गया, जब फेल्ड मार्शल असीम मुनीर की सेना ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग कर दी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर तौर पर घायल हैं. प्रदर्शनकारी आजादी की मांग कर रहे हैं और पाकिस्तानी सेना के आगे झुकने से मना कर दिया है.

जबरन और अवैध कब्जे में है पीओके: रणधीर जायसवाल

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हिंसा और प्रदर्शन पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- “हमने पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शनों की खबरें देखी हैं, जिनमें पाकिस्तानी सेना द्वारा निर्दोष नागरिकों पर की गई बर्बरता भी शामिल है. हमारा मानना ​​है कि यह पाकिस्तान के दमनकारी रवैये और इन इलाकों से संसाधनों की व्यवस्थित लूट का स्वाभाविक परिणाम है, जो उसके जबरन और अवैध कब्जे में हैं. पाकिस्तान को उसके भयावह मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.”

पीओके के दलदल से लोगों को निकालने का वक्त आया: स्थानीय नेता

पीओके में आजादी की आवाज लगातार मजबूत हो रही है. पीओके के लोग पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के खिलाफ सड़कों पर उतरकर नारेबाजी कर रहे हैं. विद्रोह पूरे पीओके में फैला हुआ है. विद्रोहियों के आगे शहबाज सरकार पस्त नजर आ रही है. वहीं पाकिस्तानी सेना ने प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई हैं. इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है तो राजधानी इस्लामाबाद और अहम शहरों की सीमाएं सील कर दी गई हैं. 

बांग्लादेश को भी विदेश मंत्रालय ने करवाया चुप, कहा, चटगांव हिंसा में अपने भीतर झांके

विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के गृह सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी के बयानों को खारिज करते हुए नाराजगी जताई है. रणधीर जायसवाल ने कहा कि. ये आरोप पूरी तरह झूठे और बेबुनियाद हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही है और अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए बार-बार दूसरों पर ठीकरा फोड़ती है. 

जायसवाल ने कहा कि ढाका सरकार को चाहिए कि वह आत्ममंथन करे और गंभीरता से जांच कराए कि किस तरह स्थानीय उग्रवादी चिटगांव हिल ट्रैक्ट्स में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले, आगजनी और जमीन कब्जाने जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, हम बांग्लादेश के झूठे आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हैं और चाहते हैं कि बांग्लादेश पहले अपने भीतर झांके.

चटगांव में प्रदर्शन, बांग्लादेश को भारत का हिस्सा बनाने की मांग

बांग्लादेश के चटगांव में बौद्ध और हिंदू समुदायों पर हमलों, हत्याओं और बलात्कार की घटनाओं के बाद प्रदर्शन किया गया है. इस प्रदर्शन में बांग्लादेश को भारत का अभिन्न अंग बनने की मांग बनाए जाने की आवाज उठाई गई है. प्रदर्शनकारियों ने कहा, बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध जैसे अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं. बांग्लादेश को भारत का अंग बना दिया जाना चाहिए. 

बांग्लादेश ने फैली अशांति का ठीकरा भारत पर फोड़ा

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं. आलमगीर चौधरी ने कहा है कि खगराछारी में मौजूदा अशांति के पीछे भारत है. 

लेकिन भारत के जवाब के बाद बांग्लादेश एक्सपोज़ हो चुका है और चुप्पी साधकर बैठ गया है.

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