भारत और चीन के बीच सीमा-विवाद सुलझाने के साथ ही जहां संबंध पटरी पर आ रहे हैं, वही कभी सदाबहार सहयोगी रहे चीन पाकिस्तान के संबंधों में खटास आ रही है. पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हो रहे हमलों से जहां चीन का भरोसा डगमगा गया है तो पाकिस्तान ने शी जिनपिंग के हथियारों और सैन्य उपकरणों में खोट निकालकर सप्लाई बंद कर दी है.
टीएफए के हाथ लगा है पाकिस्तान की ‘हैवी इंडस्ट्रीज (तक्षशिला)’ का एक लेटर जिसमें चीन की खराब सप्लाई को लेकर टैंक के टरेट की सप्लाई रोक दी गई है. पाकिस्तानी सेना के ‘हैदर’ टैंक के निर्माण के लिए चीन की ‘नोरिन्को कंपनी’ से खास टरेट ऑर्डर किए थे. लेकिन टरेट की खराब फैब्रिकेशन के चलते पाकिस्तानी सेना को अपने हैदर टैंक का उत्पादन बंद करना पड़ा है.
किसी भी टैंक का ऊपरी हिस्सा जिसमें गन लगी होती है और 360 डिग्री घूम जाता है, उसे टरेट (यानी बुर्ज) कहा जाता है.
पाकिस्तान की हैवी इंडस्ट्रीज (तक्षशिला) के अधीन ही ‘टैंक मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री (टीएमएफ’) जहां हैदर टैंक का निर्माण होता है. वर्ष 2017 में पाकिस्तान ने चीन की नोरिन्को कंपनी से हैदर टैंक के निर्माण के लिए टरेट का सौदा किया था. इसके लिए चीन की नोरिन्को कंपनी ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में अपना एक ऑफिस भी खोला था.
टीएमएफ के मुताबिक, चीन से सप्लाई हुए टरेट में से दो को रेडियोग्राफिक एंड अल्ट्रासोनिक रैंडम-टेस्ट के लिए चुना गया. परीक्षण में टरेट फेल हो गए. पाकिस्तान का आरोप है कि टरेट के गन-फ्रेम में होल (छेद) पाए गए थे जिन्हें रिपेयर करने के बाद ढकने की कोशिश की गई थी.
नोरिन्को कंपनी के खराब टरेट के चलते हैवी इंडस्ट्रीज (तक्षशिला) ने चीनी कंपनी की सप्लाई को खारिज कर दिया है. हालांकि, हैवी इंडस्ट्रीज के लेटर में टरेट की कुल संख्या का खुलासा नहीं किया गया है. पाकिस्तान ने इस पत्र के माध्यम से साफ कर दिया है कि नोरिन्को कंपनी से जब तक नई सप्लाई नहीं हो जाती, टैंक का निर्माण बंद रहेगा.
ये पहला मामला नहीं है जब चीन के हथियार और सैन्य उपकरणों को खराब क्वालिटी के चलते छीछालेदर हुई है. बांग्लादेश को दिए टैंक में भी खराबी सामने आई थी. (चीन के टैंक को लगा जंग, वीडियो वायरल)
वहीं, पिछले कुछ सालों से आर्थिक बदहाली की मार झेल रही पाकिस्तानी सेना को अपने टैंक और दूसरे हथियारों के लिए भी जूझना पड़ रहा है. ऐसे में चीन से खराब सप्लाई ने पाकिस्तानी सेना के आधुनिकीकरण पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
हाल के दिनों में चीन और पाकिस्तान के मतभेद खुलकर सामने आए हैं. पिछले महीने ही इस्लामाबाद में चीन के राजदूत जियांग जेडोंग ने चीनी नागरिकों पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता जताई थी. सीपीईसी (चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) में काम करने वाले चीनी इंजीनियर और दूसरे कर्मचारियों पर कई बड़े हमले हो चुके हैं.
चीनी राजदूत की सार्वजनिक तौर से उठाई गई चिंता को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ‘हैरान’ करने वाला करार देते हुए ‘कूटनीतिक परंपरा से हटकर’ बताया है.
गौरतलब है कि पिछले महीने भारत और चीन ने साढ़े चार साल से चल रहा सीमा विवाद सुलझा लिया है. पूर्वी लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों की सेना पीछे हटने के लिए तैयार हो गई हैं. इसके लिए दोनों देशों ने डिसएंगेजमेंट करार किया है. (दीपावली पर चीन सेना को मिठाई, Patrolling होगी शुरू)