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अफीम से लेकर अफस्पा, मणिपुर में क्या चल रहा है?

मणिपुर में उग्रवादियों पर लगातार लिया जा रहा है एक्शन तो अफस्पा हटाने को लेकर लोग सड़कों पर उतरे हैं. वहीं राज्य के आदिवासी विधायकों ने जंतर मंतर पर धरना देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर मामले पर हस्तक्षेप की मांग की है. विधायकों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक भी शामिल हैं.

मणिपुर में अफीम की 55 एकड़ जमीन जब्त

मणिपुर पुलिस और वन विभाग ने अफीम की खेती के खिलाफ एक्शन लिया है. मणिपुर के उखरूल जिले के पहाड़ी क्षेत्र में तकरीबन 55 एकड़ के अफीम की अवैध खेती को नष्ट किया गया है. मंगलवार को पुलिस ने आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा, अफीम की अवैध खेती के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान अफीम खेतों में मिली पांच अस्थायी हट्स को भी जला दिया गया है, वहीं उन लोगों की तलाश की जा रही है, जो अफीम की खेती में लिप्त थे. शक इस बात का भी है कि अफीम आदि से उग्रवादियों को वित्तीय मदद पहुंचाई जा रही थी.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017 से लेकर अब तक मणिपुर सरकार के एक्शन से कम से कम 12 जिलों में कुल 19,135 एकड़ पर अफीम की अवैध खेती को नष्ट किया गया है. (https://x.com/NBirenSingh/status/1866672826847219915)

इंफाल में अफस्पा विरोधी रैली 

मणिपुर में मानवाधिकार दिवस के मौके पर हाथ में तख्तियां लेकर सैकड़ों लोगों ने रैली निकासी. लोगों ने अफस्पा (आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट) को दोबारा से लागू किए जाने के खिलाफ रैली निकाली. साथ ही महिलाओं और बच्चों की हत्या के विरोध में नारेबाजी की. मणिपुर के 6 थानों में 14 नवंबर को फिर से अफस्पा लगाया गया है. गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक 31 मार्च 2025 तक अफस्पा प्रभावी रहेगा. अफस्पा के लागू होने के बाद सुरक्षाबलों को विशेष अधिकार मिले हैं, जिसमें वो किसी को भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले सकते हैं.

जंतर-मंतर पर आदिवासी विधायकों ने दिया धरना 

मणिपुर के सात विधायकों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर साइलेंट विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें पांच बीजेपी और दो निर्दलीय विधायक शामिल थे. प्रदर्शनकारी मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले कुकी और गैर नागा जनजातीय समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार से ‘यूनियन टेरिटरी विद लेजिसलेटिव असेंबली’ की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं. विधायकों ने पीएम मोदी के हस्तक्षेप की मांग की. 

पिछले साल 3 मई से शुरू हुई हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं. वहीं कुकी और मैतई समुदाय के लोगों में झड़प की भी खबरें आती रहती है. वहीं इसी हफ्ते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी मणिपुर हिंसा पर सख्त रुख अपनाते हुए केन्द्र और राज्य सरकार से मई 2023 में शुरू हुई जातीय हिंसा के दौरान जलाई गई, आंशिक रूप से जलाई गई, क्षतिग्रस्त की गई, लूटी गई और अतिक्रमण की गई इमारतों और संपत्तियों का ब्यौरा देने का निर्देश दिया है. 

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