ईस्टर के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीन (03) दिनों के सीजफायर की घोषणा की है. रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच रूसी राष्ट्रपति क्रेमलिन ने कहा है कि विक्ट्री डे के मद्देनजर 8 से 10 मई तक युद्धविराम रहेगा.
रूस की ओर से तकरीबन 3 दिनों को यह ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन में शांति समझौते के लिए मध्यस्थता करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं. हाल ही में वेटिकन सिटी में ट्रंप और जेलेंस्की ने मुलाकात की थी. मीटिंग के बाद ट्रंप ने पुतिन के विरोध में बयान देते हुए दबाव बनाया था.
8 मई से 10 मई तक रूस ने किया युद्ध विराम की घोषणा
क्रेमलिन (पुतिन का कार्यालय) द्वारा जारी बयान के मुताबिक. युद्ध विराम 8 मई की मध्यरात्रि से शुरू होगा और 10 मई तक चलेगा. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 9 मई को विजय दिवस के लिए “मानवीय आधार” पर शत्रुता को पूरी तरह से समाप्त करने का आदेश दिया है. हालांकि क्रेमलिन ने ये भी कहा कि अगर युद्धविराम का उल्लंघन किया जाता है तो पर्याप्त और प्रभावी जवाब दिया जाएगा.
क्रेमलिन ने अमेरिकी की कोशिशों को जिक्र करते हुए भी कहा कि “रूस-यूक्रेन के युद्ध समाप्ति पर अंतरराष्ट्रीय पार्टनर्स के साथ रचनात्मक सहयोग के लिए तैयार हैं.” आपको बता दें युद्ध के तीन साल में ये दूसरा मौका है जब रूस की ओर से सीजफायर की बात कही गई है. इससे पहले ईस्टर के मौके पर 30 घंटे का युद्ध विराम किया गया था.
पुतिन पर है ट्रंप का दबाव, युद्ध समाप्ति की कोशिशें कहां तक पहुंचीं
युद्ध विराम के ऐलान से पहले, रूस और यूक्रेन के बीच भारी बमबारी हुई है. दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे को लॉन्ग रेंज मिसाइलों से निशाना बनाया. पुतिन का सीजफायर का फैसला बातचीत के दरवाजों को खोल सकता है. वेटिकन सिटी में ट्रंप और जेलेंस्की ने अकेले में बात की थी. इस बातचीत में जेलेंस्की ने ट्रंप को अपनी परेशानियां बताईं तो ट्रंप ने पुतिन के खिलाफ सख्ती दिखाई है.
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ताजा बयान में कहा है कि “अब यह आशंका हो रही है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन युद्ध समाप्त नहीं करना चाहते, बल्कि उनका (ट्रंप का) इस्तेमाल कर रहे हैं.” ट्रंप ने खुले तौर पर पुतिन की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए और कहा कि “पुतिन उनके कूटनीतिक रुख का फायदा उठाना चाह रहे हैं.” ट्रंप ने ये भी कहा कि “कोई कारण नहीं है कि पुतिन बीते कुछ दिनों से आम लोगों के इलाकों, शहरों और कस्बों पर मिसाइलें चला रहे हैं. इससे लगता है कि शायद वह युद्ध रोकना नहीं चाहते.बहुत से लोग मर रहे हैं!!!”