गुत्थम-गुत्था की लड़ाई में यूक्रेनी सैनिक को चित करने के बावजूद मां के लिए आखिरी पैगाम छोड़ने के लिए जिंदा छोड़ने वाले साइबेरियाई योद्धा को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बहादुरी मेडल से नवाजा है. ‘डिफेंडर ऑफ द फॉदरलैंड’ के मौके पर पुतिन ने बहादुर साईबेरियाई सैनिक आंद्रेई ग्रिगोरिव को अवार्ड दिया.
रूस-यूक्रेन जंग के मैदान से जनवरी के महीने में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें चाकू से लैस यूक्रेनी सैनिक एक रूसी सैनिक से लड़ता हुआ दिखाई पड़ा था. ये लड़ाई यूक्रेनी सैनिक की यूनिफॉर्म पर लगे बॉडी-कैम में कैद हो गई थी.
निहत्था होने के बावजूद रूसी सैनिक, यूक्रेनी सैनिक पर हावी हो जाता है. दोनों खून से लथपथ थे. लेकिन जैसे ही यूक्रेनी सैनिक को लगा कि अब उसके प्राण निकलने वाले हैं, उसने रूसी (साइबेरियाई) सैनिक से मां और आसमान को आखिरी बार गुडबाय कहने के लिए जिंदा छोड़ने की मिन्नत करता है.
रूसी सैनिक ग्रिगोरिव, यूक्रेनी सैनिक को मरने के लिए छोड़ देता है और आखिरी वार नहीं करता है. इस पर यूक्रेनी सैनिक, ग्रिगोरिव का कायल हो जाता है और उसे दुनिया का सबसे बहादुर योद्धा का खिताब दे देता है. (Russia Ukraine: दुनिया का बेस्ट योद्धा आया दुनिया के सामने)
टीएफए ने बताई थी सर्वश्रेष्ठ योद्धा की कहानी
हालांकि, ये लड़ाई कुछ महीने पहले की थी, लेकिन इसका वीडियो पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. टीएफए ने सबसे पहले इस वीडियो और ग्रिगोरिव की कहानी दुनिया को बताई थी.
रूसी सैनिक की इस बहादुरी पर एक्स के मालिक एलन मस्क ने भी कमेंट किया था. मस्क ने लिखा कि प्रथम विश्वयुद्ध का एक चाकू उसके बेडरूम की वॉल पर भी लगा है. एलन ने कहा कि “अगर कभी जरूरत पड़ी तो क्लोज-क्वार्टर में गन से ज्यादा बेहतर एक चाकू है.”