Breaking News Geopolitics

दिल्ली दौरे से पहले पुतिन-जयशंकर की मीटिंग, यूएस-यूरोप की नजर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मॉस्को में की है रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात. ये मुलाकात पुतिन की भारत यात्रा से ठीक पहले हुई है. माना जा रहा है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में द्विपक्षीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पुतिन नई दिल्ली पहुंचने वाले हैं. 

पुतिन का भारत दौरा सिर्फ एक द्विपक्षीय सम्मेलन तक सीमित नहीं बल्कि अमेरिका और यूरोप को एक संदेश भी है, जो भारत-रूस के बीच व्यापारिक संबंधों में टकराव की कोशिश में हैं, और भारत पर लगातार टैरिफ का दबाव बना रहे हैं.

पुतिन से मिले जयशंकर, दिया पीएम मोदी का संदेश 

मॉस्को में विदेश मंत्री जयशंकर और व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक हुई है. बैठक के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिलकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की शुभकामनाएं पहुंचाईं. उन्हें आगामी भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारियों के बारे में जानकारी दी. साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाओं पर भी चर्चा हुई. हमारे रिश्तों को और मजबूत करने के लिए उनके विचार और मार्गदर्शन को बहुत महत्व देता हूं.” 

पुतिन के करीबी ने किया दिल्ली दौरा, की अजीत डोवल से मुलाकात

पुतिन के भारत दौरे से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवल ने पुतिन के करीबी सहयोगी निकोले पेत्रुशेव से मुलाकात की है. पेत्रुशेव सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे थे. पेत्रुशेव रूस के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और एफएसबी (पूर्व में केजीबी) के प्रमुख रह चुके हैं. पुतिन के नई दिल्ली में आने से पहले पेत्रुशेव के दौरे को सुरक्षा के दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है. 

राष्ट्रपति पुतिन के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर वार्ता के लिए पांच दिसंबर के आसपास भारत आने की उम्मीद है. हालांकि भारत-रूस की ओर से पुतिन के दौरे की पुष्टि की गई है, लेकिन तारीख की आधिकारिक जानकारी नहीं साझा की गई है. पुतिन ने पिछली बार 2021 में नयी दिल्ली की यात्रा की थी.

यूरोप को भारत से आस, अमेरिका रख रहा पैनी नजर

पुतिन के दिल्ली दौरे पर पूरे यूरोप की नजर है. साथ ही अमेरिका भी इस दौरे को बेहद बारीकी से देख रहा है. वजह ये है कि अमेरिका चाहता है कि भारत, रूस के साथ अपना तेल व्यापार बंद करे, वहीं भारत का रुख ये है कि राष्ट्रहित के नजरिए से अगर रुस से तेल सस्ता मिल रहा है तो वो खरीदेगा. 

डोनाल्ड ट्रंप ने ये हाल ही में दावा किया है कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है. हालांकि ट्रंप के इस दावे को विदेश मंत्रालय खारिज कर चुका है. ट्रंप ने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी ने फोन पर बातचीत के दौरान ये आश्वासन दिया है कि भारत, रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा. लेकिन विदेश मंत्रालय ने ट्रंप और पीएम मोदी की ऐसी किसी बातचीत से इनकार कर दिया था.

वहीं यूरोप, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आस लगाए हुए हैं कि वो एक मजबूत वैश्विक नेता हैं जो यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को समाप्त करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. मोदी-पुतिन की मित्रता बेहद गहरी है और पुतिन, मोदी की इज्जत करने के साथ-साथ उनकी बातों को भी अहमियत देते हैं. 

मॉस्को में जयशंकर ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा

जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन के सरकार प्रमुखों की परिषद की बैठक में आतंकवाद पर भारत के रुख को दोहराया. जयशंकर ने कहा, कि “आतंकवाद का किसी भी रूप में कोई औचित्य नहीं है, उससे मुंह नहीं मोड़ा जा सकता और न ही उसे लेकर लीपापोती की जा सकती है.”

जयशंकर ने कहा, “हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि एससीओ की स्थापना आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद, इन तीन बुराइयों से लड़ने के लिए हुई थी. पिछले वर्षों में ये खतरे और भी गंभीर हो गए हैं. पूरी दुनिया को आतंकवाद के हर रूप के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनानी होगी. भारत को अपने नागरिकों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है और वह इसे किसी भी कीमत पर करेगा.”

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.