रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद ऐलान किया है कि यूक्रेन के दनीप्रो में किए गए हमले को हाइपरसोनिक मिसाइल ‘ओरेशनिक’ से किया गया था. मीडियम रेंज की इस बैलिस्टिक मिसाइल से नाटो की मदद से यूक्रेन में चलाई जा रही एक मिसाइल फैक्ट्री को निशाना बनाया गया था. यूक्रेन ने शुरुआत में दावा किया था कि रूस ने आईसीबीएम मिसाइल से हमला किया है.
करीब सात मिनट के वीडियो संदेश में पुतिन ने बताया कि ओरेशनिक मिसाइल का इस्तेमाल अमेरिका के अटकैम्स और इंग्लैंड की स्टॉर्म-शैडो मिसाइल के हमले के जवाब में किया गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की इजाजत के बाद यूक्रेन ने मंगलवार को रूस के ब्रायेंस्क प्रांत में लंबी दूरी की आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम यानी अटकैम्स से हमला किया था. बुधवार को यूक्रेन ने इंग्लैंड की स्टॉर्म शैडो मिसाइल से रूस के कुर्स्क प्रांत में हमला किया था.
ऐसे मे गुस्साए पुतिन ने यूक्रेन पर मध्यम दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल दागकर पूरी दुनिया को हिला दिया है.
पुतिन ने अपने संदेश में कहा कि पश्चिमी देशों की लंबी दूरी की मिसाइल हमलों से यूक्रेन का संघर्ष (युद्ध) अब ‘ग्लोबल आयाम’ ले चुका है. लेकिन रूस की हाइपरसोनिक मिसाइल को यूक्रेन या फिर यूरोप की कोई एयर-डिफेंस या फिर मिसाइल डिफेंस सिस्टम इंटरसेप्ट नहीं कर पाई.
ओरेशनिक, एक मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी स्पीड 10 मैक यानी आवाज की गति से 10 गुना है. ऐसे में ये गैर-परमाणु हाइपरसोनिक मिसाइल है. रूस ने पहली बार जंग के मैदान में इस हाइपरसोनिक मिसाइल का कॉम्बैट परीक्षण किया है.
पुतिन ने कहा कि अगर “रूस के खिलाफ किसी देश के हथियार (मिसाइल) ने हमला किया तो रशिया किसी भी हथियार से उस देश के मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाने का अधिकार रखता है.”
पुतिन ने ये भी यूक्रेन और दूसरे ‘मित्र-देशों’ के नागरिकों को जंग के मैदान से निकल जाने का ऑफर दिया है. माना जा रहा है कि रूस का अगला निशाना पौलेंड और दूसरे यूरोपीय देशों में नाटो फैसिलिटी होने जा रही हैं. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1859664553375899803)
मंगलवार को ही पुतिन ने अपनी परमाणु नीति में बदलाव किया था. रूस की नई ‘न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन’ में कहा गया है कि अगर कोई गैर-परमाणु देश किसी परमाणु संपन्न देश की मदद से रशिया पर हमला करता है तो इसे साझा हमला करार दिया जाएगा. रूस ने अपनी सेना को इस नई नीति के तहत डब्लूएमडी यानी ‘वेपंस ऑफ मास डिस्ट्रक्शन’ के इस्तेमाल की भी खुली छूट दी है.
रूस ने नई नीति की घोषणा करते हुए साफ कहा था कि अब रशियन फोर्सेज को नाटो के सैन्य ठिकानों पर हमला करने के खुली छूट है.
गुरूवार सुबह 5.17 मिनट (यूक्रेन समय के अनुसार) पर दनीप्रो में जो रूसी हमले हुए थे वो इसी नीति में आए बदलाव का नतीजा है. सुबह के वक्त, एक के बाद एक छह मिसाइल हमलों से पूरा दनीप्रो क्षेत्र दहल गया. यूक्रेनी मीडिया के मुताबिक, इन हमलों में दो नागरिकों के घायल होने की खबर है. (https://x.com/FinalAssault23/status/1859563780407021584)
दरअसल, इसी हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की अटकैम्स मिसाइल को इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी. मंगलवार को यूक्रेन ने इन अटकैम्स मिसाइल का इस्तेमाल रूस के ब्रायेंस्क प्रांत में एक सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए किया था. इस हमले के बाद ही पुतिन का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया था और परमाणु नीति में बदलाव किया था. (यूक्रेन पर ICBM मिसाइल से हमला, इतिहास में पहली बार हुआ इस्तेमाल)
इसी महीने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जीत मिली है. बाइडेन महज 20 जनवरी तक अमेरिका के राष्ट्रपति पद को संभाले हुए हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि बाइडेन ने अगले दो महीने में ट्रंप के लिए बड़ी मुश्किलें छोड़कर जाने का फैसला कर लिया है. क्योंकि चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने साफ कहा था कि राष्ट्रपति के पद पर बैठने के महज 24 घंटों में रूस-यूक्रेन जंग को रुकवा देंगे.