अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बैठक के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने परम मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है. पीएम मोदी ने इसके बारे में खुद बताया है. पीएम मोदी ने पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “मेरे मित्र, राष्ट्रपति पुतिन को उनके फोन कॉल और अलास्का में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी हालिया मुलाकात के बारे में जानकारी साझा करने के लिए धन्यवाद.”
ट्रंप से हुई बातचीत के बाद पुतिन ने पीएम मोदी को कॉल किया
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने सोमवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है. इस बातचीत में पुतिन ने पीएम मोदी को अलास्का में हुई ट्रंप के साथ बैठक में हुई बातचीत के बारे में बताया है. पुतिन ने पीएम मोदी से ऐसे वक्त में बात की है जब जेलेंस्की और यूरोपीय नेता भी ट्रंप से वॉशिंगटन में मुलाकात कर रहे हैं. हालिया दिनों में ये दूसरी बार है जब पुतिन ने पीएम मोदी को फोन किया है.
पुतिन ने पीएम मोदी से भारत-रूस के द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर भी चर्चा की और दोनों नेता निकट संपर्क में रहने पर सहमत हुए. राष्ट्रपति पुतिन ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को अलास्का में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई अपनी मीटिंग के बारे में जानकारी साधा की है.
पीएम मोदी ने पुतिन से हुई बातचीत के बाद एक्स पर लिखा, “भारत ने यूक्रेन विवाद के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार आह्वान किया है और इस संबंध में सभी प्रयासों का समर्थन करता है. मैं आने वाले दिनों में हमारे निरंतर आदान-प्रदान की आशा करता हूं. “
ट्रंप ने दावा किया था भारत पर टैरिफ के बाद पुतिन हुए मिलने को तैयार
अलास्का में अपनी बैठक से पहले ट्रंप ने दावा किया था कि रूसी राष्ट्रपति उनसे मीटिंग के लिए इसलिए तैयार हुए क्योंकि अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था. भारत पर अमेरिका का दबाव के चलते रूस ने अपना ग्राहक (भारत) खो दिया, जिसके बाद रूस ने हमसे कहा, वो (पुतिन) मिलना चाहते हैं.
अमेरिकी अर्थव्यवस्था को चुनना पसंद करेंगे रूस के दोस्त भारत और चीन: लिंडसे ग्राहम
ट्रंप जैसा ही दावा सोमवार को ट्रंप के एक सीनेटर ने भी किया है. अमेरिकी सांसद लिंडसे ग्राहम ने कहा है पुतिन अलास्का इसलिए आए क्योंकि ट्रंप ने रूसी तेल और गैस खरीदने पर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी.
लिंडसे ग्राहम ने कहा, रूस की कमजोरी यह है कि उसकी लगभग सारी आय दूसरे देशों को तेल और गैस की बिक्री से आती है. अगर हम रूस के ग्राहकों (भारत और चीन) से कहें कि उन्हें अमेरिकी अर्थव्यवस्था और सस्ते रूसी तेल या गैस में से किसी एक को चुनना है, तो वे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को चुनेंगे.
लिंडसे ग्राहम ने हाल ही में भारत,चीन और ब्राजील पर निशाना साधा था.
सीनेटर लिंडसे ने रूस को समर्थन किए जाने पर भारत, चीन और ब्राजील को घेरा है. लिंडसे ने कहा, “मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूक्रेन पर रूस के लगातार हमलों से हताशा को पूरी तरह समझता हूं, चीन, भारत और ब्राजील जैसे देश- जो पुतिन की युद्ध मशीन का समर्थन करते हैं- लंबे समय से बकाया कीमत चुकाने वाले हैं”