अमेरिका में ट्रंप सरकार की ताजपोशी से पहले इजरायल के दुश्मन हमास को लगा है बड़ा झटका. मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव और ट्रंप के आने के बाद कतर ने हमास के नेताओं को देश छोड़ने को कह दिया है.
अमेरिका ने कतर को चेतावनी दी है कि दोहा में हमास के राजनीतिक ऑफिस को बंद करे और हमास के नेताओं को देश से बाहर निकाले. अमेरिका के दबाव के बाद कतर हमास से तकरीबन 12 साल पुराना रिश्ता तोड़ने जा रहा है. साल 2012 से कतर में हमास का राजनीतिक कार्यालय है.
हमास की मेहमान नवाजी करना कतर को पड़ा भारी, मिला अल्टीमेटम
पिछले 7 अक्टूबर से इजरायल और हमास के बीच जंग छिड़ी हुई है. वहीं कतर में हमास और इजरायल के बीच कई बार मध्यस्थता पर बात हो चुकी है, जिसमें अमेरिका अगुवाई कर रहा था. बंधक रिहाई डील और अस्थायी युद्ध विराम को लेकर अमेरिका लगातार कतर पर दबाव बना रहा है. आखिरी बातचीत में हमास ने बंधकों की रिहाई से इनकार कर दिया था. जिसके बाद अमेरिका ने दो टूक बयान दिया था कि आतंकवादी समूह के इजरायली बंधकों को रिहा करने के समझौते को अस्वीकार करने का मतलब है कि अब उसकी मौजूदगी ‘स्वीकार्य’ नहीं है. इसी कड़ी में अब अमेरिका ने कतर को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि हमास के दोहा स्थित ऑफिस को वह जल्द से जल्द बंद करे और सारे नेताओं को कतर से बाहर निकाले.
कतर, हमास के किसी नेता का स्वागत ना करे: अमेरिका
अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, “इजरायली और बाकी बंधकों को रिहा करने के बार-बार प्रस्तावों को खारिज करने के बाद इसके नेताओं का अब किसी भी अमेरिकी सहयोगी की राजधानी में स्वागत नहीं किया जाना चाहिए. हमने कतर को उसी समय यह बात कही थी कि जब हमास ने कुछ सप्ताह पहले बंधकों की रिहाई के एक अन्य प्रस्ताव को खारिज कर दिया था”
हमास नेताओं को लेकर क्या है कतर का रुख?
कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी हमेशा से ये कहते रहे हैं कि “हमास दोहा में इसलिए मौजूद है ताकि बातचीत जारी रखी जा सके और कतर तब तक इसे खुला रखेगा जब तक यह चैनल उपयोगी साबित होता रहेगा.” पर अब अब कहा जा रहा है कि अमेरिकी दबाव के बाद कतर ने हमास नेताओं को दोहा ऑफिस खाली करने के निर्देश दिए हैं हालांकि कतर की ओर से किसी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. कदम की पुष्टि नहीं की गई है.
कतर ने पहले हमास अपना दफ्तर सीरिया की राजधानी दमिश्क में संचालित करता था, लेकिन सीरिया में गृह युद्ध शुरू होने के बाद साल 2012 में कतर में हमास ने दफ्तर खोल दिया था. कतर और हमास के रिश्ते काफी अच्छे रहे हैं. कतर गाजा और फिलिस्तीन के लिए हर साल अरबों डॉलर की मदद देता है. पर बंधकों की रिहाई ना करने के बाद अमेरिका लगातार कतर के संपर्क में है और दोहा से हमास नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने को कहा है.