स्वीडन में सार्वजनिक तौर से कुरान जलाने वाले ईराकी मूल के एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. घटना के वक्त सलवान मोमिक नाम का ये शख्श अपने घर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव सेशन कर रहा था. हत्यारे कैमरे में कैद हो गए हैं.
उल्लेखनीय है कि मोमिका को गुरुवार को ही स्वीडन की एक कोर्ट में पेश होना था, लेकिन उससे पहले ही हत्या कर दी गई. इराकी मूल के ईसाई शख्स ने साल 2023 में कई बार कुरान की प्रतियां जलाई थीं.कुरान की प्रतियां जलाने का यह मामला इतना बढ़ गया था कि मुस्लिम देशों ने भी इसकी आलोचना की थी
कोर्ट के फैसले से पहले सलवान मोमिका की हत्या
स्वीडन की अदालत में कुरान जलाने के आरोप में सलवान मोमिका को सजा सुनाई जानी थी. सजा से पहले सलवान मोमिका टिकटॉक पर लाइव सेशन कर रहा था, उसी दौरान अज्ञात हमलावरों ने सलवान को गोली मार दी. मामला स्टॉकहोक के सोडरटेलजे स्थित अपार्टमेंट का है. बताया जा रहा है गोली मारने वाला आरोपी सीसीटीवी में कैद हुआ है. स्वीडिश पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है.
दरअसल 38 साल के सलवान मोमिका ने 28 जून 2023 को ईद के दिन स्टॉकहोम की सबसे बड़ी मस्जिद के सामने कुरान जलाया था.इसके अलावा भी सलवान ने कई और मस्जिदों के अलावा कुरान जलाकर अपमान किया था, जिसके कारण दुनिया के कई देशों में स्वीडन के खिलाफ खूब प्रदर्शन किए गए थे. स्टॉकहोम की एक कोर्ट में मोमिका के खिलाफ 16 जनवरी को केस शुरु हुआ था. गुरुवार को ही सलवान मोमिका के केस में फैसला सुनाया जाना था. फैसले से पहले ही सलवान की हत्या कर दी गई जिसके बाद कोर्ट ने फैसले को 3 फरवरी तक के लिए टाल दिया गया था.
स्वीडिश सरकार से मंजूरी के बाद इस्लाम के खिलाफ किया था प्रदर्शन
सलवान मोमिका ने अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर स्वीडिश सरकार से कुरान जलाने की अनुमति मांगी थी. जिसके बाद स्वीडन पुलिस ने साल 2023 को एक दिन के लिए सलवान मोमिका को इस्लाम के खिलाफ प्रदर्शन की मंजूरी दी थी. उस वक्त सलवान मोमिका ने कहा था कि मैं मुसलमानों के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन इस्लामिक मान्यताओं के खिलाफ हूं.
बताया जाता है कि सलवान मोमिका इराकी मिलिशिया में रह चुका है. साल 2017 में मोमिका ने मोसुल में अपना सशस्त्र समूह बनाया था. लेकिन एक ईसाई मिलिशिया संगठन बेबीलोन के प्रमुख के साथ सत्ता संघर्ष के बाद 2018 में सलवान ने इराक छोड़ दिया. फिर स्वीडन ने 2021 में सलवान को शरणार्थी की दर्जा दिया था.
सलवान मोमिका को मिल रही थी धमकी
कुरान जलाने वाली घटना के बाद से सलवान मोमिका को जान से मारने की धमकी दी जा रही थी.सलवान मोमिका इस्लामिक विचारों और मान्यताओं का कट्टर आलोचक था. कुरान जलाने से पहले मोमिका ने कहा था, “स्वीडन जागो. ये लोकतंत्र है.”
फ्री-स्पीच के कारण स्वीडन की सरकार मोमिका के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी. नाराज इस्लामिक देशों में लगातार प्रदर्शन हुए थे. इसी के विरोध में इराक में स्वीडन के दूतावास पर हमला भी हुआ था. जिसके बाद स्वीडन की सरकार ने मोमिका की रेसिडेंसी परमिट को रद्द कर दिया था. अब मोमिका स्वीडन छोड़कर नॉर्वे में शरण लेने की सोच रहा था. स्वीडन में शरणार्थी परमिट रद्द होने के बाद मोमिका ने कहा था, “स्वीडन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की सुरक्षा एक बड़ा झूठ है.”