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रशिया भेजने के रैकेट का पर्दाफाश: CBI

रूस यूक्रेन युद्ध में भारतीय युवकों को धोखे से झोंके जाने के खुलासे के बाद भारतीय एजेंसियां हरकत में हैं. रूस-यूक्रेन फ्रंट पर लड़ने के लिए नौकरी के नाम पर भेजने वालों के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज कर सात राज्यों में 13 अलग-अलग लोकेशन पर छापेमारी की है. 

हैदराबाद के रहने वाले मोहम्मद अफसान और गुजरात के सूरत के रहने वाले हामिल मंगूकिया की युद्ध में हुई मौत के बाद हुआ है सनसनीखेज खुलासा. गिरोह के लोग नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम ऐंठने के बाद भोले भाले युवाओं को रूस भेज देते थे. रूस पहुंचने के बाद उनसे एक कॉन्ट्रैक्ट साइन कराया जाता है, जो की रूसी भाषा में होता है. कॉन्ट्रेक्ट में लिखा होता है कि वह रूसी सेना के साथ हेल्पर के तौर पर काम करेंगे, और हर महीने 2 लाख रु मिलेंगे. अब यही सिंडिकेट सीबीआई की नजर में है. 

रूस-यूक्रेन फ्रंट पर लड़ने के लिए नौकरी के नाम पर भेजने वालों के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज किया है. केस दर्ज होते ही सीबीआई ने दिल्ली, त्रिवेदपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरई, चेन्नई समेत 7 राज्यों की 10 लोकेशन पर छापेमारी की. सीबीआई की रेड में 50 लाख कैश, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स, लैपटॉप, मोबाइल, समेत कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किेए गए हैं. सीबीआई की शुरुआती तफ्तीश में पता चला है कि भारत के तकरीबन 35 युवाओं को बरगला करके रूस-यूक्रेन में लड़ने के लिए भेजा गया है (हालांकि आंकड़ा 200 तक पहुंच सकता है). ऐसे में माना जा रहा है कि सीबीआई ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़े एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है. 

बिना जानकारी फंसाया, जंग में भेजा

सीबीआई के मुताबिक रैकेट देश के अलग अलग हिस्सों में रहने वाले युवाओं को विदेश में नौकरी का सपना दिखाता था और जब युवा गिरोह की जाल में फंस जाते तो उनसे मोटी रकम भी ऐंठता था. सीबीआई के मुताबिक- 3.5 लाख रु हर व्यक्ति से लिए गए, रूस में अच्छी नौकरी का वादा करके गिरोह के लोग रूस के लोकल लोगों से बात करवाते. और जब युवा रूस पहुंचते तो उन्हें जबरन वॉर फ्रंट पर भेजा जाता था. सीबीआई अब ये पता कर रही है कि जिन 35 लोगों को रूस भेजा गया उनमें से कितने लोगों को जबरन युद्ध में लड़ने के लिए भेजा गया.

यूट्यूबर है सिंडिकेट का सबसे बड़ा प्लेयर !
सीबीआई के रडार पर है दुबई का रहने वाले फैजल खान उर्फ बाबा. फैजल खान यूट्यूब चैनल बाबा व्लॉग चलाता है. खान की कंपनी बाबा व्लॉग ओवरसीज रिक्रूटमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड समेत मुंबई, दिल्ली और चंडीगढ़ की तीन अन्य कंपनियों का भी सीबीआई ने अपनी एफआईआर में शामिल किया है. दुबई, दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़ की कंपनियों के डायरेक्टर को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई ने छापेमारी में कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है.

हरियाणा-पंजाब के युवाओं ने लगाई गुहार
हाल ही में 7 पीड़ितों ने आर्मी यूनिफॉर्म में सोशल मीडिया पर दावा किया था कि उन्हें मर्जी के बिना नौकरी का लालच देकर रूस बुलाया गया और युद्ध में तैनात कर दिया गया, जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हुए हैं. एक्स पर जारी किए गए 105 सेकंड के वीडियो में सात लोग सेना के कपड़ों और हुड जैकेट के साथ नजर आए. एक गंदे कमरे के अंदर खड़े दिखे. 6 लोग एक कोने में खड़े थे जबकि सातवां शख्स वीडियो रिकॉर्ड करता है. वीडियो रिकॉर्ड करने वाले ने मदद की गुहार लगाई. वीडियो में दिखने वाले लोग पंजाब और हरियाणा के बताए गए हैं. टूरिस्ट वीजा पर गए सभी लोगों को जबरन आर्मी की ट्रेनिंग दी गई फिर यूक्रेन से लड़ने के लिए भेज दिया गया, वीडियो जारी करने वालों ने दावा किया कि रूस की आर्मी ने उनके सामने एक कॉन्ट्रैक्ट रखा. और कहा गया कि या तो कॉन्ट्रैक्ट साइन करो और आर्मी में हेल्पर बनों नहीं तो 10 साल की जेल होगी (डंकी रुट ने पहुंचा दिया रुस-यूक्रेन war zone ?).

विदेश मंत्रालय ने लिया संज्ञान
युवाओं की गुहार और 2 भारतीयों की मौत के बाद विदेश मंत्रालय ने भारतीयों की वतन वापसी की बात कही है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया है कि रूस में करीब 20 भारतीय नागरिकों ने भारत वापसी के लिए मदद मांगी है. युद्धग्रस्त इलाकों से भारतीयों की वापसी की बात चल रही है. साथ ही विदेश मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि लोग सतर्क रहें और युद्धग्रस्त इलाके में जाने से बचें. सीबीआई ने भी संदिग्ध रिक्रूटमेंट एजेंसियों के झांसे में बचने की सलाह दी है.

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