बांग्लादेश में चीनी जंगी बेड़े को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है. बिना बांग्लादेश का नाम लिए, राजनाथ सिंह ने कहा है कि ‘बाहरी शक्तियों’ को अपने घर के दरवाजे पर बुलाना हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के साझा प्रयास को ‘चोट’ पहुंचाने जैसा है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक, पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में “भारतीय नौसेना शांति की सबसे बड़ी गारंटी है. ऐसे में जिन मित्र-देशों के साथ भारत की समुद्री-सीमाएं लग रही हैं उन्हें भारत के साथ मिलकर मेरीटाइम सिक्योरिटी में योगदान देने की जरूरत है.”
सोमवार को तेलंगाना के विकराबाद में भारतीय नौसेना के ‘वेरी लो फ्रीक्वेंसी’ (वीएलएफ) स्टेशन की नींव रखती हे रक्षा मंत्री ने भारत की समुद्री सुरक्षा से जुड़ी नीति को साफ किया.
राजनाथ सिंह के मुताबिक, “भारत की मैरीटाइम बाउंड्री जिन देशों से लगती हैं उन्हें यह समझना चाहिए कि समुद्री सुरक्षा एक साझा प्रयास है. बाहरी शक्तियों को अपने घर के दरवाज़े पर बुलाना और बिठाना, उस एकता को चोट पहुंचाता है.”
रक्षा मंत्री ने कहा कि बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में शांति और व्यवस्था बनाए रखना हम सबकी सबसे ‘बड़ी प्राथमिकता’ होनी चाहिए.
चीनी नौसेना के दो जंगी जहाज इनदिनों बांग्लादेश के चटगांव (चित्तागोंग) बंदरगाह पहुंचे हैं (12-16 अक्टूबर). पिछले चार साल में पहली बार चीन का कोई जंगी जहाज बांग्लादेश में दाखिल हुआ था. इसी को लेकर राजनाथ सिंह ने टिप्पणी की है. (बांग्लादेश पहुंचे चीन के जंगी जहाज, भारत-विरोधी देशों से नजदीकियां)
अंग्रेजी की एक कहावत को दोहराते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि “एक अच्छी नेवी युद्ध के लिए नहीं उकसाती है बल्कि शांति की गारंटी होती है.”
तेलंगाना में भारतीय नौसेना का जो वीएलएफ स्टेशन स्थापित किया जा रहा है वो मेरीटाइम फोर्सेज के बीच कम्युनिकेशन स्थापित करने की कड़ी में अत्यंत अहम प्रयास है. यह देश की सशस्त्र सेनाओं के कमांड सेंटर के साथ, समुद्र में तैनात भारतीय युद्धपोत और पनडुब्बियां के बीच रियल टाइम में एक मजबूत कम्युनिकेशन स्थापित करेगा.
रक्षा मंत्री के मुताबिक, आज हमारी नेवी के पास जंगी जहाज हैं. इसके अलावा भी ऐसे अनेक प्लेटफॉर्म हैं, जो गहरे समंदर में कार्यरत हैं. भारतीय नौसेना के युद्धपोत पूरे इंडो-पैसिफिक में फैले हुए हैं.
राजनाथ सिंह के मुताबिक, “भारत और भारतीय नौसेना का स्फीयर ऑफ इंट्रेस्ट, पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में, पूर्व में मलक्का स्ट्रेट से, पश्चिम में अदन की खाड़ी, फारस की खाड़ी और अफ्रीका के पूर्वी तट तक फैला है. हिंद महासागर में तो भारतीय नौसेना, फर्स्ट रेस्पॉन्डर और नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर के रूप में भी उभरी है.”
नौसेना के मुताबिक, यह वीएलएफ स्टेशन भारत के मेरीटाइम हितों को सुरक्षित करने के विजन के साथ स्थापित किया जा रहा है.