भारत से सात समंदर पार ब्रिटेन में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है. ब्रिटेन से राजनाथ सिंह ने उन देशों को भी चेतावनी दे डाली है, जो भारत पर बुरी नजर रखते हैं. ब्रिटेन में राजनाथ सिंह ने कहा है कि “भारत को कोई नहीं डरा सकता, चीन ने भी भारत को माना शक्तिशाली.”
चीन मान रहा भारत की ताकत, गलवान से बदला नजरिया: राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने लंदन में चीन के अखबार के लेख जिक्र करते हुए कहा, “भारत को कोई डरा नहीं सकता.” भारत को लेकर चीन की सोच बदली है. चीन भी समझ गया है कि भारत अब महाशक्ति है. रक्षा मंत्री ने कहा ग्लोबल टाइम्स में छपा लेख भारत पर बदलते चीनी नजरिए को साबित करता है. चीनी सरकार यह स्वीकार करने लगी है कि हमारी आर्थिक और विदेशी नीतियों के साथ-साथ हमारे बदलते रणनीतिक हितों ने भारत को एक प्रमुख वैश्विक आर्थिक खिलाड़ी और रणनीतिक शक्ति के रूप में उभरने में मदद की है. राजनाथ सिंह ने चीन की सोच बदलने के पीछे अरुणाचल प्रदेश की गलवान घाटी में हुई झड़प में भारतीय सैनिकों के साहस को भी सराहा. कहा- साल 2020 में जब भारत-चीन के सैनिकों में आमना-सामना हुआ तो हमारे जवानों ने जो जांबाजी और बहादुरी दिखाई, उससे चीन का नजरिया बदल गया, चीन को पता चल गया कि भारत अब कोई कमजोर देश नहीं है. पहले भारत रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा आयातक हुआ करता था. पर अब हम सैन्य उपकरणों के निर्यातकों में 25 देशों में से हैं.
पीएम मोदी के कारण रुका रहा रूस-यूक्रेन युद्ध
राजनाथ सिंह ने लंदन में इस बात का भी खुलासा किया कि पीएम मोदी की कोशिश की वजह से रूस-यूक्रेन युद्ध 4-5 घंटों तक रुका रहा. जब रूस-यूक्रेन के बीच सैन्य संघर्ष छिड़ गया, तो कीव और यूक्रेन के अलग अलग जगहों पर भारतीय छात्र फंसे हुए थे. भारत में उनके माता-पिता के बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे. सभी भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए देश के पीएम मोदी ने जिम्मेदारी लेते हुए सबकी सुरक्षा सुनिश्चित की. पीएम मोदी ने एक सुरक्षित कॉरिडोर सुनिश्चित करने के लिए रूस और यूक्रेन के नेताओं के साथ व्यक्तिगत तौर पर बातचीत की. पीएम मोदी के कारण ही चार-पांच घंटे का संघर्ष विराम हुआ. और भारतीय लोगों को आसानी से निकाला जा सका. यूक्रेन से 22,000 से अधिक छात्रों को बाहर निकाला जा सका.
भारत को अब आंख नहीं दिखाई जा सकती
लंदन में एक नागरिक अभिनंदन समारोह में शिरकत करने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हुंकार भरी कहा, “अब ऐसा नहीं है कि भारत को आंख दिखा के जो चाहे सो निकल जाए’ हम किसी को भी दुश्मन के तौर पर नहीं देखते हैं. पूरी दुनिया जानती है कि भारत-चीन के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं. भारत अपने पड़ोसियों और पूरे विश्व के साथ अच्छे संबंध चाहता है. भारत किसी को अपना प्रतिद्वंदी नहीं मानता है, बल्कि पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते और संबंध बनाना चाहता है.”
ऋषि सुनक से मुलाकात
रक्षा मंत्री ने मंगलवार 10 डाउनिंग स्ट्रीट (लंदन) में इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात की. रक्षा मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दोनों देशों के नेताओं के नेतृत्व में दोनों ही देशों ने ऐतिहासिक संबंधों को आधुनिक, बहुआयामी और परस्पर लाभकारी साझेदारी में ढालने और उन्हें फिर से तैयार करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है. राजनाथ सिंह ने संयुक्त मिलिट्री अभ्यास, प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, बढ़ी हुई अंतरसंचालनीयता, विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में परस्पर सैन्य संबंधों सहित, द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में हाल में हुई वृद्धि का स्मरण किया. उन्होंने प्रौद्योगिकी क्षेत्र सहित रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने में हो रहे मौजूदा प्रयासों पर जोर दिया. रक्षा मंत्री ने श्री ऋषि सुनक को इंग्लैंड के रक्षा उद्योग के साथ हुई अपनी सकारात्मक बातचीत और द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में नई सकारात्मक ऊर्जा के बारे में भी जानकारी दी. रक्षा मंत्री इनदिनों दो दिवसीय इंग्लैड दौरे पर हैं.
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |