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हमलावरों को पाताल से ढूंढ निकालेंगे !

हमलावर को पाताल से भी खोज निकाला जाएगा. एमवी केम प्लूटो और साईं बाबा जहाज पर हुए ड्रोन हमले पर ये पहली प्रतिक्रिया दी है रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने. भारत आ रहे व्यापारिक जहाज पर किए गए ड्रोन अटैक पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भड़क गए हैं. ‘आईएनएस इंफाल’ युद्धपोत को नौसेना के बेड़े में शामिल करने के दौरान राजनाथ सिंह ने समुद्री-जहाज पर हुए ड्रोन हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

ड्रोन हमले को भारत सरकार ने गंभीरता से लिया: राजनाथ सिंह

मुंबई पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “आजकल समंदर में हलचल कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है. भारत की बढ़ती आर्थिक और सामरिक ताकत से कुछ ताकतों को ईर्ष्या और द्वेष से भर गए हैं. भारत की ताकत कुछ लोगों को चुभ रही है.  केम प्लूटो और साईं बाबा दो भारतीय जहाजों पर हमले हुए हैं, जिसे हमने गंभीरता से लिया है. भारतीय नौसेना ने समुद्र की निगरानी बढ़ा दी है. जिन्होंने भी इस हमले को अंजाम दिया है उन्हें हम सागर तल से भी ढूंढ निकालेंगे और उनके खिलाफ कठोर एक्शन लेंगे.” 

समुद्री-मार्ग को सुरक्षित बनाएंगे

आईएनएस इंफाल की कमीशनिंग के कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नौसेना की ताकत गिनाई. राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत पूरे इंडियन ओशियन रीजन में नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर की भूमिका में है. हम समंदर में होने वाले व्यापार को सागर से उठकर आसमान की बुलंदियों तक पहुंचे. समंदर की सुरक्षा के लिए भारत अपने मित्र देशों के साथ मिलकर सी-लेंस (समुद्री-मार्गों) को मैरीटाइम कॉमर्स के लिए सेफ और सिक्योर बनाए रखेंगे.” 

एमवी केम प्लूटो पर ईरान ने किया ड्रोन अटैक: अमेरिका
अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने दावा किया है कि एमवी केम प्लूटो पर ईरान ने किया ड्रोन अटैक किया है. शनिवार को अरब सागर में एमवी केम प्लूटो पर अटैक किया गया था. यह जहाज सऊदी अरब के एक बंदरगाह से भारत के मंगलौर आ रहा था. गुजरात के वेरावल से 200 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में ड्रोन अटैक किया गया था (Somnath पहुंची इजरायल-हमास युद्ध की आग ? जहाज पर हुआ ड्रोन अटैक). ड्रोन हमले के बाद जहाज में आग लग गई थी. अब जहाज को मुंबई लाया गया है. भारतीय नौसेना ने जहाज के नुकसान का जायजा लिया है और फॉरेन्सिक जांच की है. अमेरिकी दावे पर भारत की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है पर ईरान ने ड्रोन हमले के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है.

दुश्मनों का काल, आ गया आईएनएस इंफाल
नॉर्थ ईस्ट में मणिपुर की राजधानी इंफाल के नाम पर बने स्टील्थ डेस्ट्रॉयर्स ‘आईएनएस इंफाल’ नेवी में शामिल हो गया है. नौसेना को सौंपा गया प्रोजेक्ट 15 बी क्लास गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर इम्फाल एक ऐसा शक्तिशाली युद्धपोत है जो समुद्री सुरक्षा के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान की परेशानी भी बढ़ाएगा. 22 नवंबर को आईएनएस इंफाल से निकली ब्रह्मोस मिसाइल ने बुल्स आई यानी टारगेट पर निशाना लगाया. ओडिशा के समंदर तट के करीब नौसेना ने सफल परीक्षण किया. पुराने युद्धपोतों की तुलना में आईएनएस इंफाल बेहद ही शक्तिशाली है. स्वदेशी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल इंफाल की खासियत ये है कि दुश्मनों को इसकी भनक नहीं लगेगी. दुश्मन इंफाल को अपने अपने रडार में पकड़ तक नहीं पाएंगे. सतह से सतह और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है. ब्रह्मोस के अलावा 32 बराक-8 सरफेस-टू-एयर मिसाइल लगी हैं. ब्रह्मोस और बराक के अलावा इसमें जरूरत पड़ने पर दुश्मन की पनडुब्बी को नष्ट करने वाला रॉकेट लांचर भी है, 76 मिलीमीटर का गन भी है. इस जहाज पर 2 ध्रुव या सीकिंग हेलीकॉप्टर तैनात हो सकते हैं. चार पावरफुल गैस टरबाइन लगे हैं. आईएनएस इंफाल डीजल-इलेक्ट्रिक युद्धपोत है. जंगी जहाज का डिस्प्लेसमेंट 7400 टन है. 535 फीट लंबा युद्धपोत है. अधिकतम स्पीड 56 किलोमीटर प्रति-घंटा है. इस युद्धपोत पर 50 नेवल ऑफिसर और 250 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं. (INS Imphal: ड्रैगन की शक्ति, शेर का दम !)

‘आत्मनिर्भर भारत’ का उदाहरण है आईएनएस इंफाल
भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने आईएनएस इंफाल का डिजाइन तैयार किया है और एमडीएल ने बनाया है. जहाज में लगभग 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जिसमें एमआर एसएएम, ब्रह्मोस एसएसएम, स्वदेशी टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर, पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और 76 मिमी. एसआरजीएम शामिल हैं. इंफाल पहला ऐसा स्वदेशी विध्वंसक है, जिसके निर्माण और समुद्री परीक्षणों को पूरा करने में सबसे कम समय लगा है.

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