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सिक्किम में राजनाथ की शस्त्र-पूजा, जुटेंगे कमांडर्स

हर साल की तरह इस बार भी विजयदशमी के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शस्त्र-पूजा सैनिकों के साथ मनाएंगे. इस बार राजनाथ सिंह शस्त्र-पूजा सिक्किम में तैनात सैनिकों के साथ मनाएंगे. खास बात ये है कि सिक्किम की राजधानी गंगटोक में ही रक्षा मंत्री दिवसीय आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस को संबोधित करेंगे (10-11 अक्टूबर).

2019 में रक्षा मंत्रालय का पदभार संभालने के बाद से ही राजनाथ सिंह हर साल सैनिकों के साथ ही विजयदशमी (दशहरा) के अवसर पर शस्त्र-पूजा का आयोजन करते हैं. इस साल पूरे देश में विजयदशमी का त्यौहार 12 अक्टूबर यानी शनिवार को मनाया जा रहा है.

पिछले साल राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में सैनिकों के साथ शस्त्र-पूजा का आयोजन किया था. वर्ष 2022 में रक्षा मंत्री ने सुकना (पश्चिम बंगाल) में त्रिशक्ति कोर में विजयदशमी मनाई थी. 2019 में फ्रांस के मेरिगनेक स्थित दासो कंपनी की राफेल बनाने वाली फैक्ट्री में राजनाथ सिंह ने शस्त्र-पूजा कर सुर्खियां बटोरी थी.

जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को रक्षा मंत्री साल के दूसरे आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस (एसीसी) को भी गंगटोक में संबोधित करेंगे. इस दौरान रक्षा मंत्री को देश के समक्ष सुरक्षा चुनौतियां और उनसे लड़ने के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी.

सिक्किम से सटे डोकलाम में ही वर्ष 2017 में भारत और चीन की सेनाओं के बीच 72 दिनों तक चलने वाले फेस-ऑफ चला था. तभी से यहां से गुजरने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव बना रहता है.

 गंगटोक में होने वाला सम्मेलन एसीसी का पहला चरण होगा और हाइब्रिड मोड में होगा. दूसरा चरण इसी महीने की 28-29 तारीख को राजधानी दिल्ली में आयोजित किया जाएगा.

थलसेना प्रमुख के नेतृत्व में आयोजित होने वाली आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस में सेना के सभी टॉप मिलिट्री कमांडर हिस्सा लेते हैं. एसीसी साल में दो बार आयोजित की जाती है तथा सेना से जुड़ी नीतियों को निर्धारित करती है.

भारतीय सेना के मुताबिक, पहले चरण के सम्मेलन में थलसेना अपनी ‘युद्धक क्षमताओं’ को अधिक धारदार बनाने पर चर्चा करेगी. इसके लिए ‘सिविल-मिलिट्री फ्यूजन’ सहित देश के डिप्लोमेटिक, इंफॉर्मेशन, मिलिट्री और इकोनॉमिक (डीआईएमई) स्तंभों के एकीकरण पर विचार-विमर्श किया जाएगा ताकि समसामयिक खतरों से मिलकर निपटा जा सके. साथ ही मौजूदा दौर के युद्धों में कम लागत की मिलिट्री टेक्नोलॉजी और वैकल्पिक रणनीतियों के इस्तेमाल पर खास चर्चा की जाएगी.

कांफ्रेंस में सेना के टॉप कमांडर्स इस बात पर भी विमर्श करेंगे कि मिलिट्री एजुकेशन में टेक्नोलॉजी को कैसे समाहित किया जाए. साथ ही कुछ खास डोमेन में स्पेशलिस्ट को तैनात करने पर भी सैन्य कमांडर्स चर्चा करेंगे.

गंगटोक में सेना के टॉप कमांडर्स को सीडीएस जनरल अनिल चौहान सहित वायुसेना और नौसेना के प्रमुख भी संबोधित करेंगे.

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