अग्निपथ स्कीम पर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने एक बार फिर दोहराया है कि सेना से रिटायर होने वाले अग्निवीरों के लिए 10-10 प्रतिशत पोस्ट आरक्षित की जाएगी. पूर्व-अग्निवीरों को बिना किसी फिजीकल टेस्ट को पार किए सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और बीएसएफ इत्यादि में सीधे कांस्टेबल के पद पर भर्ती किया जाएगा.
गुरुवार को सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ), सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ), बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ), रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशकों ने आधिकारिक बयान जारी कर अग्निवीरों के लिए संदेश जारी किया.
सीआईएसएफ की महानिदेशक नीना सिंह ने बताया कि “अग्निवीरों के लिए बल में 10 प्रतिशत आरक्षण के साथ-साथ पहले बैच के लिए आयु में पांच वर्ष की छूट दी जाएगी. दूसरे बैच से फिर तीन साल की छूट दी जाएगी.”
नीना सिंह ने बताया कि सीआईएसएफ में “अग्निवीरों की भर्ती के लिए पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं. पूर्व-अग्निवीरों को फिजिकल एफिशियंसी टेस्ट (शारीरिक दक्षता परीक्षा) की आवश्यकता नहीं होगी. सेना से मिले फिजीकल-सर्टिफिकेट के जरिए पूर्व-अग्निवीरों को सीधे केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में भर्ती मिल जाएगी.”
एसएसबी के डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने बताया कि भूतपूर्व अग्निवीरों को लिए कोटा निर्धारित है. ऐसे में तदनुसार भर्ती नियमों में संशोधन किया गया है.
बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल, सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल सिंह और आरपीएफ के महानिदेशक मनोज यादव ने भी पूर्व अग्निवीरों के लिए प्रतिबद्धता दोहराई. बीएसएफ के डीजी के मुताबिक, “अग्निवीरों ने अपने जीवन के चार वर्ष सेवा में समर्पित किए हैं. वे प्रशिक्षित व अनुशासित हैं और बीएसएफ उन्हें संक्षिप्त प्रशिक्षण देने के बाद सीमा पर तैनात करेगी.”
दरअसल, जून 2022 में जब अग्निपथ स्कीम लॉन्च की गई थी तब ही गृह मंत्रालय ने ये सभी सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (सीएपीएफ) में पूर्व-अग्निवीरों के लिए दस प्रतिशत कोटा आरक्षित किया था. साथ ही आयु में पांच साल और तीन साल की छूट भी दी गई थी.
हाल ही में अग्निवीर स्कीम को लेकर विपक्ष ने संसद से लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त विवाद खड़ा किया था. ऐसे में सीएपीएफ के महानिदेशकों को फिर से सार्वजनिक तौर से सामने आकर पूर्व-अग्निवीरों के समर्थन में आना पड़ा है.