एशिया में संकट पैदा करने को लेकर रूस ने अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है. रूस ने सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा है कि अमेरिका, ताइवान के सहारे एशिया में गंभीर संकट पैदा करने और उसे अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है.
रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको ने रविवार को रूस का रुख बताते हुए कहा कि “हम ताइवान के मामले को लेकर चीन के रुख का समर्थन करते हैं. लेकिन अमेरिका, चीन-ताइवान में यथास्थिति की बातें कहकर ताइवान को हथियार देकर सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहा है.”
एशिया में गंभीर संकट पैदा कर रहा है अमेरिका : रूस
रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको ने ताइवान और चीन के साथ चल रही तनातनी पर खुलकर बात की है. रूस के उप विदेश मंत्री ने कहा है कि “हम देखते हैं कि चीन, ताइवान पर अपने जिस एक सिद्धांत को मान्यता देता है, वाशिंगटन उसका उल्लंघन कर रहा है और यथास्थिति बनाए रखने की बात कहते हुए ताइवान को सैन्य हथियारों को देकर उसके साथ सैन्य-राजनीतिक संपर्क मजबूत कर रहा है.”
रूसी उप विदेश मंत्री यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा, “क्षेत्रीय मामलों में अमेरिका का ऐसे हस्तक्षेप का लक्ष्य पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) को भड़काना और अपने स्वार्थी हितों के अनुरूप एशिया में संकट उत्पन्न करना है.”
एशियाई मुद्दों पर हम चीन के साथ है: रूस
रूस ने कहा है कि “एशिया के मुद्दे पर वो चीन के साथ खड़ा रहेगा. क्योंकि अमेरिका, एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए जानबूझकर हथियार देकर ताइवान के आसपास की स्थिति भड़का रहा है, जिसकी निंदा की जानी चाहिए.”
गौरतलब है अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सिंतबर में ताइवान को 567 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता को मंजूरी दी थी. वहीं कई बार अमेरिकी नेताओं का दल भी ताइवान पहुंच चुका है, जिससे चीन भड़का हुआ है.
पिछले महीने ही ताइवान स्ट्रेट में अमेरिका और कनाडा के युद्धपोत नजर आए थे. विध्वंसक पोत ‘यूएसएस हिगिंस’ और कनाडाई युद्धपोत ‘एचएमसीएस वैंकूवर’ ताइवान स्ट्रेट से नियमित रूप से गुजरे. ये घटना ठीक तब हुई जब चीन ने ताइवान को घेरकर एक बड़ा सैन्य अभ्यास किया था.