रूस ने एक ऐसे ग्लोबल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जिसका कनेक्शन यूक्रेन से था, इजरायल से था, जॉर्जिया के पूर्व डिफेंस मिनिस्टर से था. साथ ही इस कॉल सेंटर का शिकार भारत भी था.
रूसी खुफिया और सिक्योरिटी एजेंसी, एफएसबी ने 50 से ज्यादा देशों में फैले एक लाख से ज्यादा लोगों से धोखाधड़ी वाले ग्लोबल कॉल सेंटर का खुलासा किया है. अवैध कॉल सेंटर में प्रतिदिन एक मिलियन डॉलर की कमाई होती थी. एफएसबी ने इजरायली-यूक्रेनी नागरिक केसेलमैन वाईडी सहित कई प्रमुख गुर्गों को पकड़ा है.
एफएसबी का एक्शन, लंदन में छिपे जॉर्जिया के पूर्व रक्षा मंत्री
फेडरल सिक्योरिटी ब्यूरो (एफएसबी) ने एक अंतर्राष्ट्रीय ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसका कनेक्शन जॉर्जिया के पूर्व रक्षामंत्री डी केज़ेराश्विली से है. एफएसबी ने अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 11 कर्मचारियों को हिरासत में लिया है, जो पूर्व रक्षा मंत्री के हितों में काम करते थे.
ये लोग निवेश की आड़ में यूरोपीय संघ, यूके, कनाडा, ब्राजील, भारत, जापान और कई तकरीबन 50 देशों के नागरिकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करता था. एफएसबी ने अपने बयान में कहा कि “पूर्व जॉर्जियाई रक्षा मंत्री और मिल्टन समूह के संस्थापक डेविड केज़ेराश्विली के हितों में संचालित थे, अब डेविड केज़ेराश्विली में लंदन में छिपे हुए हैं.”
केज़ेराश्विली साल 2006-2008 में मिखाइल साकाशविली के अधीन जॉर्जिया के रक्षा मंत्री थे, जो 2004 से 2013 तक दक्षिण काकेशस राष्ट्र के राष्ट्रपति थे.
इजरायली यूक्रेनी नागरिक गिरफ्तार, रूस को दी थी धमकी
एफएसबी ने इजरायली-यूक्रेनी नागरिक केसेलमैन वाईडी सहित कई प्रमुख गुर्गों को हिरासत में लिया है. वहीं इजरायली-जॉर्जियाई नागरिक टोडवा डी. फरार हैं. दोनों ने कथित तौर पर ऑपरेशन को अंजाम दिया और रूस में झूठे आतंकी हमले की धमकियों को फैलाने में उनका हाथ था. जानकारी के मुताबिक, इजरायल और जॉर्जिया के एक नागरिक की भी पहचान की गई है और वह रूस में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमलों के बारे में गुमनाम संदेशों को प्रसारित करने के आरोप में वांटेड है.
भारत के लोग भी हैं इस कॉल सेंटर के शिकार
इस धोखाधड़ी के शिकार देशों में से भारत भी है. चूंकि भारत निवेश प्लेटफार्मों और डिजिटल लेनदेन के लिए दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है, इसलिए इस गैंग ने भारत में भी ठगी थी. भारत में पीड़ितों को कथित तौर पर निवेश पर आकर्षक रिटर्न के वादे का लालच दिया गया था,जो ऑनलाइन धोखाधड़ी को लेकर जागरूकता पर जोर देता है.
एफएसबी पकड़े गए लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि कॉल-सेंटर नेटवर्क का फाइनेंसियल और जियोपॉलिटिकल कनेक्शन पता लगाया जा सके.