यूक्रेन जंग रूकवा पाने में नाकाम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बड़ा झटका लगने जा रहा है. रूस ने यूक्रेन की उस लिथियम की खदान पर कब्जा कर लिया है, जिसे यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने मिनरल डील्स के तहत ट्रंप को सौंपने का करार किया था.
इसी साल अप्रैल में ट्रंप ने यूक्रेन को रूस के हमलों से बचाने के बदले में जेलेंस्की से मिनरल डील की थी. इस सौदे के तहत, यूक्रेन में मौजूद खनिज और रेयर-अर्थ पर्दाथों की खदानों को अमेरिका अपने कब्जे में कर लेगा. अमेरिका इसके लिए यूक्रेन को हथियारों और सैन्य उपकरणों की सप्लाई जारी करने पर तैयार हो गया था.
जानकारी के मुताबिक, रूस ने जिस लिथियम खदान पर कब्जा किया है, वो डोनबास क्षेत्र में है. ये वही डोनबास (दोनेत्स्क, लुहांस्क, जपोरिया और मारियूपोल) का इलाका है जिसके करीब 80 प्रतिशत हिस्से पर रूस ने फरवरी 2022 के बाद कब्जा किया है.
यूक्रेन में भरी पड़ी है खनिज की खदानें
यूक्रेन का डोनबास, दनीप्रो (द्नीपर) और मध्य क्षेत्र लिथियम, ग्रेफाइट, यूरेनियम और टाइटेनियम जैसे खनिजों से भरा हुआ है. दुनिया का करीब दो प्रतिशत लिथियम, यूक्रेन में पाया जाता है. लेकिन इनमें से 70 प्रतिशत खनिज डोनबास और दिनाइपर प्रांतों में है.
एक अनुमान के मुताबिक, यूक्रेन में करीब 15 ट्रिलियन डॉलर के खनिज और दुर्लभ तत्वों के भंडार है.
डोनबास पर अपना अधिकार जमाने के बाद अब रूसी सेना ने दनीप्रो की तरफ रुख कर लिया है. जेलेंस्की को आशंका है कि निकट भविष्य में दनीप्रो, खारकोव (खारकीव और सुमी) प्रांत में भी रूसी सेना कब्जा कर सकती है. यही वजह है कि यूक्रेन ने अमेरिका और जर्मनी सहित दूसरे पश्चिमी देशों से मिसाइल और दूसरे हथियारों की सप्लाई बढ़ाने की मांग की है.
इस बीच रूस ने यूक्रेन पर ड्रोन और मिसाइल से हमले जारी रखे हैं. यूक्रेन का आरोप है कि शुक्रवार-शनिवार की रात को रूस ने एक बार फिर 600 से ज्यादा ड्रोन और किंझल मिसाइल से अटैक किया. ये अटैक, यूक्रेन सेना के रिक्रूटमेंट सेंटर और गोला-बारूद के गोदाम पर किए गए. हमलों में आम नागरिकों के हताहत होने की भी खबर है. रूस ने भी आरोप लगाया है कि यूक्रेन ने ड्रोन अटैक किए हैं.