इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग जल्द खत्म नहीं होने वाली. गाजा में तत्काल युद्ध विराम का एक और प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में खारिज हो गया है. गाजा में सीजफायर को लेकर अमेरिकी कोशिश को रूस और चीन ने मिलकर नाकाम कर दिया है. अमेरिका की ओर से गाजा में हो रहे नरसंहार को रोकने के लिए लाए गए प्रस्ताव के खिलाफ चीन और रूस एकजुट हो गए और वीटो लगाकर यूएस के प्रस्ताव को गिरा दिया.
यूएन में दिए गए अमेरिकी प्रस्ताव में गाजा में नागरिकों की सुरक्षा और भुखमरी का सामना कर रहे 20 लाख से अधिक फिलिस्तीनी लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए इजरायल-हमास युद्ध को फौरन रोके जाने का आह्वान किया गया था. प्रस्ताव में इजरायल और सभी सशस्त्र गुटों से, अंतरराष्ट्रीय क़ानून के तहत उनकी जिम्मेदारियों का पालन करने और मानवीय सहायता कर्मियों और चिकित्साकर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराए जाने की अनिवार्यता पर ज़ोर दिया गया. अमेरिकी प्रस्ताव में 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए हमले की निंदा की गई. प्रस्ताव में ग़ाज़ा में आम लोगों के जबरन विस्थापन को भी रद्द किया गया और बाक़ी बचे बंधकों तक मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए तत्काल सुविधा दिए जाने की भी मांग की गई.
अमेरिका के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग से पहले रूस के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने कहा कि रूस संघर्ष विराम का समर्थन करता है पर उन्होंने उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का आरोप लगाया. रूस ने प्रस्ताव की भाषा पर सही ना बताते हुए प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया.
पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में हुई वोटिंग के दौरान 11 सदस्यों ने अमेरिकी प्रस्ताव के पक्ष में और तीन ने विरोध में वोट किया और एक सदस्य अनुपस्थित रहा. चीन और रूस ने अक्टूबर के महीने में भी अमेरिका के प्रस्ताव के खिलाफ वीटो कर दिया था.
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