यूक्रेन युद्ध को 24 घंटे में रोकने का दम भरने वाले अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शपथ ग्रहण से पहले रूस ने बड़ा झटका दिया है. रूस ने परमाणु-सक्षम मिसाइलों की तैनाती का ऐलान किया है.
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि “रूस मध्यम और कम दूरी की परमाणु-सक्षम मिसाइलों की तैनाती पर लगी अपनी एकतरफा रोक हटा लेगा, क्योंकि अमेरिका ने दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे हथियार तैनात किए हैं.”
इससे पहले रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने भी अमेरिका को चेतावनी दी है कि “अगर ट्रंप प्रशासन परमाणु परीक्षण की तरफ जाता है, तो रूस भी पीछे नहीं रहेगा, रूस भी परमाणु परीक्षण करेगा.” रयाबकोव ने ये बयान उन रिपोर्ट के जवाब में दिया है, जिसमें दावा किया गया था ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान परमाणु परीक्षणों पर जोर देंगे.
मध्यम दूरी की मिसाइल पर लगी रोक हटाएगा रूस: सर्गेई लावरोव
लंबे समय से कहा जा रहा था रूस सबसे महत्वपूर्ण हथियार नियंत्रण संधियों में से एक को खत्म कर देगा. रविवार को रूसी विदेश मंत्री ने ऐलान कर दिया है. सर्गेई लावरोव ने कहा, “रूस और अमेरिका के संबंध शीत युद्ध के बाद से सबसे खराब स्थिति में हैं.”
लावरोव ने कहा कि “वाशिंगटन के साथ रणनीतिक बातचीत के लिए वर्तमान में कोई शर्तें नहीं थीं. स्पष्ट है कि छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों की तैनाती पर हमारी रोक अब व्यावहारिक रूप से ठीक नहीं है इसे छोड़ना होगा.”
अमेरिका ने रूस-चीन को किया नजरअंदाज
सर्गेई लावरोव ने कहा, “अमेरिका ने रूस और चीन की चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया है और दुनिया के कई क्षेत्रों में इस वर्ग के हथियारों की तैनाती की. 1987 में मिखाइल गोर्बाचेव और रोनाल्ड रीगन द्वारा हस्ताक्षरित इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (आईएनएफ) संधि ने पहली बार महाशक्तियों को अपने परमाणु शस्त्रागार को कम करने और परमाणु हथियारों की एक पूरी श्रेणी को खत्म करने पर सहमति व्यक्त की थी.”
गौरतलब है कि ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका औपचारिक रूप से 2019 में यह कहने के बाद आईएनएफ संधि से हट गया था कि मास्को समझौते का उल्लंघन कर रहा है. हालांकि, क्रेमलिन ने आरोपों का बार-बार खंडन किया. रूस ने आईएनएफ संधि द्वारा पहले से प्रतिबंधित मिसाइलों के विकास पर रोक लगा दिया था, इनमें 500-5500 किमी रेंज की जमीन से मार करने वाली बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें शामिल थीं. अब रूस ने रोक हटाने का ऐलान कर दिया है, जिससे रूस-अमेरिका में और तनाव बढ़ सकता है.
अमेरिका करेगा न्यूक्लियर टेस्ट, हम भी करेंगे: रूस
रूस के उप विदेश मंत्री ने घोषणा की है कि अगर ट्रंप प्रशासन न्यूक्लियर टेस्ट को बढ़ाएगा तो रूस के पास भी विकल्प खुले हैं. परमाणु परीक्षणों की संभावना पर रयाबकोव ने कहा, “मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि अंतरराष्ट्रीय स्थिति वर्तमान में बेहद मुश्किल है. अमेरिकी नीतियां हमारे प्रति बेहद शत्रुतापूर्ण हैं, इसलिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमारे पास जो भी विकल्प हैं और राजनीतिक संकेत भेजने के लिए हमें जो भी कदम उठाने हैं, उनमें से किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.”
परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि से बाहर है रूस
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने साल 2023 में औपचारिक तौर से रूस को सीटीबीटी से बाहर निकाल लिया था. न्यूक्लियर संधि पर रूस ने साल 1996 में हस्ताक्षर किए थे. यह संधि नागरिक या सैन्य उद्देश्यों के लिए परमाणु विस्फोटों पर रोक लगाती है. हालांकि, जिस तरह से नाटो देशों ने युद्ध के दौरान यूक्रेन की मदद की है, उसके बाद पुतिन ने संधि तोड़ दी और समझौते से बाहर आ गया. सिर्फ इतना ही नहीं परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर भी पुतिन ने हाल ही में नियम बदल दिए हैं.
भले ही ट्रंप और पुतिन में संबंध ठीक बताए जाते हैं, पर ये बात तो साफ है कि पुतिन, अमेरिका के दबाव में नहीं आने वाले. उल्टा रूसी मंत्री ने अमेरिका को ये भी कह डाला है कि अगर अमेरिका परमाणु परीक्षण करेगा तो हम भी पीछे नहीं हटेंगे.