रूस-यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच इन दिनों यूरोप के कई देशों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. यूरोपीय देशों को डर इस बात का है कि अगर दोनों देशों में युद्ध खत्म नहीं हुआ तो रूस का दायरा बढ़कर आसपास के यूरोप के देशों तक पहुंच जाएगा. रूस ने अपने लड़ाकू विमानों और ड्रोन को उड़ाकर ट्रेलर तो दे ही दिया है.
ताजा मामला लिथुआनिया का है. नाटो देशों में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब लिथुआनिया के आसमान में रूसी मिलिट्री के एयरक्राफ्ट दिखाई दिए. दो-दो रशियन मिलिट्री एयरक्राफ्ट के देखे जाने के बाद नाटो देशों ने भी अपने लड़ाकू विमानों को सक्रिय कर दिया वहीं लिथुआनिया ने रूस के राजनयिक को तलब करके कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
रशियन लड़ाकू विमानों ने लिथुआनिया के एयरस्पेस का उल्लंघन किया : राष्ट्रपति नौसेदा
बताया जा रहा है कि लिथुआनिया के हवाई क्षेत्र में उस वक्त तनाव बढ़ गया जब रूसी सु 30 फाइटर जेट और Il-78 रिफ्यूलिंग टैंकर को लिथुआनिया में देखा गया. राष्ट्रपति गितानस नौसेदा ने कहा है कि रूसी सैन्य विमानों ने कुछ समय के लिए लिथुआनिया के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया. नौसेदा ने यूरोपीय संघ और नाटो सदस्य देश की क्षेत्रीय अखंडता का स्पष्ट उल्लंघन बताते हुए इसकी निंदा की.
राष्ट्रपति गितानस नौसेदा ने एक्स पर लिखा, “यह अंतरराष्ट्रीय कानून और लिथुआनिया की क्षेत्रीय अखंडता का खुला उल्लंघन है. यह एक बार फिर इस बात की पुष्टि करता है कि यूरोप के एयर डिफेंस को मजबूत करना कितना जरूरी है.”
राष्ट्रपति बोले, “इस संबंध में लिथुआनिया का विदेश मंत्रालय राजधानी विलनियस में स्थित रूसी दूतावास के प्रतिनिधियों को तलब करेगा. रूसी राजनयिकों के सामने इस उल्लंघन का विरोध दर्ज कराया जाएगा.”
लिथुआनिया में ये घटना ऐसे वक्त में हुई जब राष्ट्रपति नौसेदा ब्रसेल्स में यूरोपीय परिषद के शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे. शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ के नेताओं ने एक योजना को मंजूरी दी जिसका लक्ष्य है कि यूरोप अपनी रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हो सके. इस योजना का नाम ‘रेडिनेस 2030’ रखा गया है.
लिथुआनिया की सेना ने मामले पर क्या कहा?
लिथुआनियाई सेना का मानना है कि “ये विमान पड़ोसी रूसी एन्क्लेव कैलिनिनग्राद में ईंधन भरने के अभ्यास कर रहे थे. रूसी जेट्स को अपने क्षेत्र में देख, नाटो की हवाई निगरानी मिशन पर तैनात दो स्पेनिश फाइटर जेट्स तुरंत सक्रिय किए गए और उल्लंघन वाले क्षेत्र की ओर रवाना हो गए. ये रशियन विमान तकरीबन 18 सेकेंड तक लिथुआनिया में रहे.”
पिछले कुछ दिनों में रूसी फाइटर जेट्स ने पोलैंड, एस्टोनिया, लिथुआनिया समेत कई यूरोपीय देशों के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है और इनकी सीमा में कई बार रहस्यमयी ड्रोन्स भी दिखे हैं.
कुछ दिनों पहले पोलैंड के क्षेत्र में एक दो नहीं बल्कि 20 से ज्यादा रूसी ड्रोन देखे गए थे, जिन्हें नाटो के लड़ाकू विमानों ने मार गिराया था.

