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अफगान-क्वाड को लेकर रूस का ऑफर, भारत को चाहता है शामिल करना

दुनिया में भारत की मजबूत स्थिति को देखते हुए चीन, ईरान और पाकिस्तान वाले अफगान ‘क्वाड’ को लेकर रूस ने दिया है भारत को बड़ा ऑफर. रूस चाहता है कि भारत भी इस समूह का हिस्सा बने.

दरअसल अमेरिका के तर्ज पर ही रूस ने एक नया समूह बनाया है. ग्रुप का नाम है अफगान क्वाड. इस ग्रुप का उद्देश्य अफगान के भविष्य को लेकर शक्तिशाली देशों को मिलकर काम करने का है. कूटनीतिक तौर पर भारत इस ग्रुप का हिस्सा बनने से मना कर सकता है, क्योंकि समूह में पाकिस्तान की उपस्थिति पहले ही दर्ज है. आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान के चलते भारत अपने सख्त रुख पर कायम है.

भारत को क्वाड अफगान की हिस्सा बनाना चाहता है रूस

रूस काफी समय से इस उम्मीद में है कि भारत इसका हिस्सा बन जाए. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने हाल ही में ये बयान दिया था कि भारत को इस ग्रुप का हिस्सा बनना चाहिए.

लावरोव ने इस क्वाड को “अफगानिस्तान में सही कदम” बताते हुए कहा था कि “अफगानिस्तान में अपनी भूमिका बढ़ाने के लिए भारत का ऐसा करना बिल्कुल ठीक कदम होगा.” लावरोव ने भारत और पाकिस्तान से एक-दूसरे की चिंताओं को दूर करने का भी आग्रह किया था. 

संयुक्त राष्ट्र में क्वाड अफगान की हुई थी बैठक

पिछले साल सितंबर में यूएन महासभा से अलग क्वाड अफगान की बैठक हुई थी. लेकिन ताजा हालात की बात की जाए तो ग्रुप के सदस्य देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में तलवार खिंची हुई है. पाकिस्तान की अफगानिस्तान में की गई एयर स्ट्राइक के बाद तालिबान ने पाकिस्तान पर पलटवार किया है, जिसके बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान में तनाव की स्थिति है. इस बीच हाल ही में दुबई में विदेश सचिव विक्रम मिसरी की दुबई में तालिबान के विदेश मंत्री से मुलाकात हुई थी. जिसमें द्विपक्षीय संबंधों पर जोर दिया गया था. 

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर भारत क्वाड में शामिल हो जाए तो ये एक सकारात्मक कदम होगा. भारत इस क्वाड में शामिल होता है तो इससे ना सिर्फ भारत, अफगानिस्तान का मानवीय सहयोगी बनेगा, क्षेत्र में भी दबदबा रहेगा. वहीं कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि भारत, पाकिस्तान के कारण इस ग्रुप में शामिल नहीं होना चाहेगा. 

भारत-पाकिस्तान में कूटनीतिक रिश्ते लगभग खत्म

पुलवामा और उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से द्विपक्षीय वार्ता खत्म कर दी है. पिछले साल जब इस्लामाबाद में एस जयशंकर गए थे, तब भी पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं की थी, एससीओ की बैठक में शामिल होकर एस जयशंकर सीधे दिल्ली वापस आ गए थे. सार्क देशों की बैठक भी पाकिस्तान के कारण डिरेल है, जबकि बांग्लादेश और नेपाल चाहते हैं कि सार्क देश एक बार फिर एक मंच पर साथ आएं. भारत सिर्फ पाकिस्तान के कारण इस मंच से दूरी बनाए हुए है.

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में कहा भी था कि ” पाकिस्तान नहीं चाहता है कि दोनों देशों के बीच कारोबार हो. भारत ने कभी कारोबार को नहीं रोका था. भारत ने तो पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा भी दिया हुआ था लेकिन पाकिस्तान ने कभी ऐसा नहीं किया और भारत को यह दर्जा नहीं दिया था.” 

भारत ने अफगान क्वाड को लेकर कोई औपचारिक बयान नहीं जारी किया है, लेकिन रूस को इंतजार है, कि भारत इस ग्रुप में शामिल होने के लिए हामी दे. माना जा रहा है कि विदेश मंत्रालय जल्द क्वाड अफगान को लेकर बयान जारी कर सकता है.

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