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रूसी राजदूत ने अमेरिका छोड़ा, इस रात की सुबह नहीं !

रूस-यूक्रेन जंग और ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच अमेरिका में रूस के राजदूत अपना कार्यकाल खत्म कर मॉस्को लौट गए हैं. करीब सात साल से वाशिंगटन डीसी में राजदूत के रूप में तैनात अनातोले इवानोविच एंटोनोव का कार्यकाल खत्म हो गया है. लेकिन खास बात ये है एंटोनोव अपने साथ सभी संवेदनशील दस्तावेज, कम्युनिकेशन गियर, क्रिप्टोग्राफिक गियर सहित एंबेसी का सारा सामान ले गए हैं.

गौरतलब है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पर्ल हार्बर पर हमले (1941) से पहले जापान ने अमेरिका स्थित अपनी एबेंसी को ऐसे ही खाली किया था. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या इजरायल, ईरान, अमेरिका या फिर यूक्रेन में कुछ बड़ी घटना का अंदेशा है क्या.

इस बीच रविवार शाम से ईरान ने अपनी एयर-स्पेस को सिविल उड़ानों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया है. ईरान की रूस से नजदीकियां दुनिया से छिपी नहीं रही हैं.

माना जा रहा है कि ईरान ने ये कदम इजरायल की जवाबी कार्रवाई की आशंका के चलते की है. क्योंकि इसी हफ्ते (1 अक्टूबर) को ईरान ने इजरायल पर 200 बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया था. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस मिसाइल हमले के लिए ईरान को सबक सिखाने की कसम खाई है.

सोमवार यानी 7 अक्टूबर को इजरायल-हमास जंग को पूरा एक साल हो रहा है. पिछले साल इसी दिन (7 अक्टूबर, 2023) को आतंकी संगठन हमास ने दक्षिण इजरायल पर बड़ा आतंकी हमला कर करीब 1400 लोगों का नरसंहार किया था. इसके अलावा हमास के आतंकी 200 इजरायली नागरिकों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गए थे.

आतंकी हमला का बदला लेने और अपने नागरिकों की रिहाई के लिए इजरायली सेना ने पहले गाजा में हमास के ठिकानों पर धावा बोल दिया. इस जंग में करीब 40 हजार लोगों की जान जा चुकी है और करीब एक लाख लोग घायल हुए हैं. अभी भी करीब 100 बंधक हमास की कैद में हैं. इजरायल ने सौगंध खाई है जब तक सभी बंधकों की रिहाई नहीं हो जाती, हमास के खिलाफ जंग जारी रहेगी.

हमास के साथ-साथ इजरायल ने लेबनान में घुसकर हमास के समर्थक आतंकी संगठन हिजबुल्लाह की कमर भी तोड़ दी है. साथ ही यमन के हूती विद्रोहियों से भी इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) दो-दो हाथ करने में जुटी है.

इसी हफ्ते, यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले के दौरान ऐसी भी खबरें आई थी कि इजरायल ने सीरिया में रूस के सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया है. हालांकि, इन खबरों की पुष्टि नहीं हो पाई थी.

हमास , हिजबुल्लाह और हूती विद्रोहियों को ईरान ही पालता-पोसता आया है. ऐसे में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान के टॉप मिलिट्री कमांडर्स को बेहद ही सीक्रेट तरीके से ठिकाना लगाया है और हिजबुल्लाह के तीन हजार आतंकियों को पेजर अटैक में हताहत किया था. साथ ही हिजबुल्लाह के आका हसन नसरल्लाह को भी एयर-स्ट्राइक में ढेर किया था. जिसके विरोध में ईरान ने 1 अक्टूबर को इजरायल पर बड़ा मिसाइल अटैक किया था.

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