एयरो-इंडिया-2025 (10-14 फरवरी) जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे देश की मिलिट्री एविएशन के लिए रोमांचक जानकारी भी सामने आ रही है. खबर है कि रूस का फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट सु-57 बेंगलुरु के येलाहंका एयर फोर्स स्टेशन पहुंच गया है. सु-57 बेंगलुरू के एयर-स्पेस में तो उड़ान भरेगा ही, साथ ही इसे बनाने वाली रशियन कंपनी ने भारतीय वायुसेना को एक बड़ा ऑफर दे दिया है.
सु-57 को निर्यात करने वाली रूसी कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने अपने स्टील्थ फाइटर जेट को एक्सपोर्ट करने के साथ पांचवी पीढ़ी के एयरक्राफ्ट के डेवलपमेंट में मदद करने के लिए हाथ बढ़ाया है.
गुरूवार को सु-57 ई येलाहंका पहुंचा तो रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के डायरेक्टर जनरल अलेक्जेंडर मिखीव ने कहा कि “भारत को रेडीमेड एयरक्राफ्ट भी दिए जा सकते हैं या फिर साझा निर्माण भी किया जा सकता है.”
मिखीव ने कहा कि सु-57 के प्रस्ताव को लेकर एयरो-इंडिया के दौरान रूसी अधिकारी, भारतीय प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे.
रूस ने इसके साथ ही सु-57 के एयरो-इंडिया में प्रदर्शन की भी घोषणा की है. टीएफए ने सबसे पहले रूस के पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान के एयरोइंडिया में प्रदर्शन की जानकारी दी थी.
पुतिन और सु-57 आ रहे हैं भारत
खास बात ये है कि जल्द ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे की तारीख भी सामने आने वाली है. माना जा रहा है कि पुतिन की यात्रा के दौरान रूस, भारत को सु-57 देने का ऑफर दे सकता है. पुतिन ने भारत में ‘साझा मैन्युफैक्चरिंग’ करने का पहले से ही इच्छा जताई है.
क्योंकि भारत ने हथियारों के निर्माण के लिए ‘मेक इन इंडिया’ को ही फ्लैगशिप प्रोग्राम अपना रखा है. ऐसे में रूस, भारत के साथ मिलकर सु-57 के निर्माण का प्रपोजल रख सकता है. पिछले दो दशक से भारत, रूस की मदद से सु-30 फाइटर जेट का निर्माण देश में ही कर रहा है.
भारत को है स्टील्थ फाइटर जेट की दरकार
रूस की सुखोई कंपनी द्वारा निर्मित सु-57, पिछले साल नवंबर में चीन के एयर शो में दिखाई पड़ा था. कुछ हफ्ते पहले ही रूस ने सु-57 को अपनी वायुसेना में शामिल किया है. ये रूस का पहला फीफ्थ जेनरेशन का फाइटर जेट है.
चीन ने दो स्टील्थ फाइटर जेट (जे-20 और जे-35) बनाकर तैयार कर लिए हैं. इसके अलावा एक छठी पीढ़ी के फाइटर जेट (स्टील्थ बॉम्बर) को भी बनाने का दावा किया है. इससे भारत के माथे पर पसीना आना लाजमी है.
भारत के लिए दुविधा इसलिए है क्योंकि चीन ने पाकिस्तान को भी 40 जे-35 स्टील्थ फाइटर जेट देने का ऐलान कर दिया है.
वहीं, भारत के स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट, एमका (एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) को तैयार होने में कम से कम पूरा एक दशक लग सकता है यानी 2035 से पहले वायुसेना को स्टील्थ फाइटर जेट मिलना मुश्किल दिखाई पड़ रहा है.
अमेरिका ने की एविएशन इंजन की सप्लाई में देरी
अमेरिका से एविएशन इंजन में मिलने से हो रही देरी से भी भारत की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. एविएशन इंजन ना मिलने से एलसीए-तेजस के मार्क-1ए फाइटर जेट की सप्लाई में देरी हो गई है. मार्क-1ए प्रोजेक्ट एक साल पीछे चल रहा है. ऐसे में एमका प्रोजेक्ट में भी देरी संभव है. यही वजह है कि रूस जैसे देश भारत को स्टील्थ फाइटर जेट के ऑफर दे रहे हैं.