पाकिस्तान जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले आरोपी की लाहौर में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई है. बताया जा रहा है कि अज्ञात हमलावरों ने पूरी 21 गोलियां आरोपी आमिर सरफराज उर्फ तांबा के शरीर में उतार दी. आमिर सरफराज को लश्कर ए तैयबा के चीफ हाफिज सईद का करीबी माना जाता था और कई वीडियो में साथ देखा गया था.
भारत विरोधी पाकिस्तानी आतंकियों के मारे जाने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है. ताज़ा मामला आमिर सरफराज का है जिसे रविवार को लाहौर के इस्लामपुरा में मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने दिन-दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी. आमिर सरफराज और उसके साथियों पर लाहौर जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हत्या करने का आरोप लगा था.
वर्ष 2013 में सरबजीत सिंह की एक हफ्ते तक लाहौर के अस्पताल में कोमा में रहने के बाद मौत हो गई थी. सरबजीत पर सरफराज और उसके साथियों ने ईट और लोहे की सरिया से हमला कर दिया था. इस हमले में सरबजीत को गंभीर चोटें आई थी और वो कोमा में चला गया था. अस्पताल में इलाज के दौरान मई 2013 में उसकी मौत हो गई थी. करीब 11 साल बाद सरबजीत की हत्या के मुख्य आरोपी की हत्या की गई है.
भारत के पंजाब राज्य के रहने वाले सरबजीत को पाकिस्तान ने वर्ष 1990 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था. सरबजीत के परिवारवालों का कहना है कि वो पाकिस्तान व्यापार के सिलसिले में गया था और गलत इल्जाम लगाकर पाकिस्तान ने जेल में डाल दिया था. करीब 23 साल तक सरबजीत पाकिस्तान की कोट लखपत जेल (लाहौर) में बंद रहा था. भारत सरकार ने कई बार उसकी रिहाई की कोशिश की थी. उस पर बॉलीवुड की एक फिल्म भी बन चुकी थी जिसमें रणदीप हुड्डा और ऐश्वर्या राय ने मुख्य भूमिका निभाई थी.
सरफराज की हत्या भी उसी कड़ी में मानी जा रही है जिसमें पिछले एक-डेढ़ साल में पाकिस्तान से ऑपरेट करने वाली भारत विरोधी तत्व या फिर आतंकी एक-एक कर ढेर किए जा रहे हैं. इनमें आईसी-814 हाईजैकिंग का दोषी जहूर मिस्त्री, आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का कमांडर शाहिद लतीफ, हिजबुल मुजाहिद्दीन का ऑपरेशन्ल कमांडर बशीर अहमद पीर और खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवार शामिल हैं. पाकिस्तान का आरोप है कि भारत की इंटेलिजेंस एजेंसी आर एंड ए डब्लू (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के इशारे पर ये टारगेट किलिंग की जा रही हैं. लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय ने दो टूक कह दिया है कि भारत सरकार की ऐसी कोई पॉलिसी नहीं है (भारत की नीति नहीं है assassination कराना).