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एससीओ में पहलगाम नरसंहार की निंदा, मोदी ने शहबाज को लताड़ा

चीन के तियानजिन में आयोजित हुए एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान देशों ने एक सुर में आतंकवाद के खिलाफ निंदा की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए मुद्दे पर सदस्य देशों से सहमति जताई और संयुक्त घोषणा पत्र में पहलगाम आतंकवादी हमले का जिक्र किया गया. घोषणा पत्र में कहा गया है, ‘सदस्य देशों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की. ऐसे हमलों के दोषियों, योजनाकारों और मददगारों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.’

ये वही मंच है जब रक्षा मंत्रियों के बैठक के दौरान संयुक्त घोषणा पत्र को दौरान पाकिस्तान की खुरपेंच के बाद पहलगाम हमले का जिक्र नहीं किया गया था. जिसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हस्ताक्षर करने से मना करने के बाद संयुक्त घोषणा पत्र जारी नहीं हो सका था. लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आतंकवाद के खिलाफ चीन, रूस समेत बाकी देशों ने हामी भरी है. वहीं आतंकियों के मददगार पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ मुंह ताकते रहे.

कोई देश खुद को आतंकवाद से सुरक्षित नहीं समझ सकता: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया है. पीएम मोदी ने आतंक के खिलाफ भारत के सख्त रुख को दोहराया. पीएम मोदी ने कहा, “आतंकवाद पर दोहरा मापदंड किसी भी देश को स्वीकार्य नहीं होना चाहिए.भारत ने सीमा पार आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण की लगातार अपील की है.”

प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि “आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद बड़ी चुनौतियां हैं. आतंकवाद पूरी मानवता के लिए साझा चुनौती है. कोई देश, कोई समाज अपने आप को इससे सुरक्षित नहीं समझ सकता, इसलिए आतंकवाद से लड़ाई में भारत ने एकजुटता पर बल दिया है.”

पीएम मोदी ने एससीओ को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का बड़ा मंच बताते हुए कहा, “इस वर्ष भारत ने जॉइंट इंफोर्मेशन ऑपरेशंस को लीड करते हुए आतंकी संगठनों से लड़ने की पहल की है. टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ आवाज उठाई है. इस पर मेरे समर्थन के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं.”

आतंकवाद किसी देश को स्वीकार्य नहीं होना चाहिए: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, “भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है. कितने ही बच्चे खोए और कितने ही बच्चे अनाथ हो गए. अभी हाल ही में पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा है. मैं उस मित्र देश के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ जो दुःख की इस घड़ी में हमारे साथ खड़ा रहा. भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता पर जोर दिया हैयभारत ने संयुक्त सूचना अभियान का नेतृत्व करके अल-कायदा और उससे जुड़े आतंकवादी संगठनों से लड़ने की पहल की. 

पीएम मोदी ने कहा, “पहलगाम हमला मानवता में विश्वास रखने वाले प्रत्येक देश और व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती थी. ऐसे में, यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है. हमें हर रूप और रंग के आतंकवाद का सर्वसम्मति से विरोध करना होगा. मानवता के प्रति यह हमारा कर्तव्य है.”

पीएम मोदी ने कहा, “भारत आतंकवाद के वित्तपोषण और कट्टरपंथ से निपटने के लिए कट्टरपंथ-विरोधी कार्यक्रमों के अपने अनुभवों का उपयोग करते हुए एक एससीओ-व्यापी ढाँचा स्थापित करने का प्रस्ताव रखता है. हमें साइबर आतंकवाद और मानवरहित खतरों जैसे उभरते खतरों से भी निपटना होगा. भारत अगली भारत क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी संरचना (आरएटीएस) बैठक की मेजबानी करने और आर्टिफिशियल-संचालित सुरक्षा समाधानों में विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए तैयार है.”

हमने हर चुनौती अवसर में बदलने की कोशिश की: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कनेक्टिविटी के मुद्दे पर कहा कि “संप्रभुता को दरकिनार करने वाली कनेक्टिविटी विश्वास और अर्थ खो देती है. भारत का हमेशा से मानना ​​रहा है कि मजबूत कनेक्टिविटी न केवल व्यापार को बढ़ावा देती है, बल्कि विकास और विश्वास के द्वार भी खोलती है. इसी को ध्यान में रखते हुए, हम चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसी पहलों पर काम कर रहे हैं. इससे हमें अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ कनेक्टिविटी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.”

आज रिफॉर्म, “परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है. हमने हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश की है. मैं आप सभी को भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूं.”

एससीओ के संयुक्त घोषणा पत्र में और क्या कहा गया

पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किए जाने के अलावाा एससीओ के संयुक्त घोषणा में “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के संदेश को दोहराया गया. सदस्य देशों ने 3 से 5 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में आयोजित 5वें एससीओ स्टार्टअप मंच के परिणामों का स्वागत किया, जिससे विज्ञान, तकनीकी प्रगति और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग और गहरा हुआ है.”

“सदस्य देशों ने 21-22 मई 2025 को नई दिल्ली में हुई 20वीं एससीओ थिंक टैंक मंच की बैठक को भी महत्वपूर्ण बताया. साथ ही, उन्होंने विश्व मामलों की भारतीय परिषद (आईसीडब्ल्यूए) के तहत काम करने वाले एससीओ अध्ययन केंद्र की सराहना की, जिसने सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान को मजबूत किया है.”

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