एंटी-सबमरीन हेलीकॉप्टर एमएच-60आर (‘रोमियो’) की दूसरी स्क्वाड्रन गोवा के आईएनएस हंस नेवल बेस पर तैनात की जा रही है. बुधवार (17 दिसंबर) को नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी की मौजूदगी में इन अमेरिकी हेलीकॉप्टर को आईएनएएस-335 स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा.
अमेरिकी कंपनी, लॉकहीड मार्टिन द्वारा तैयार इन मल्टी-मिशन ‘एमएच60आर’ हेलीकॉप्टर को एंटी-सबमरीन यानी समंदर के नीचे दुश्मन की पनडुब्बियों को ढूंढकर मार गिराने और एंटी-सर्फेस (शिप) वॉरफेयर के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इन रोमियो हेलीकॉप्टर को समंदर में सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन में भी इस्तेमाल किया जाता है.
वर्ष 2020 में 24 अमेरिकी हेलीकॉप्टर का हुआ था सौदा
वर्ष 2020 में भारत ने अमेरिका से 24 एमएच-60आर हेलीकॉप्टर को सौदा किया था. इस सौदे की कुल कीमत करीब 21 हजार करोड़ थी. ये सौदा, तत्कालीन (और मौजूदा) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान हुआ था.
भारतीय नौसेना को इन एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर की खास जरूरत है. क्योंकि नौसेना के एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर, सीकिंग काफी पुराने पड़ चुके हैं. ये सीकिंग हेलीकॉप्टर एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात हैं. इसके अलावा स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत, विक्रांत के लिए भी नौसेना को इन एमएच 60आर हेलीकॉप्टर की जरूरत है.
हेलफायर मिसाइल से लैस है रोमिया हेलीकॉप्टर
बेहद ही एडवांस ये अमेरिकी रोमियो हेलीकॉप्टर हेलफायर मिसाइल, रॉकेट और टॉरपीडो से लैस हैं और जरूरत पड़ने पर समंदर मे कई सौ मीटर नीचे दुश्मन की पनडुब्बी को तबाह कर सकते हैं. यही वजह है कि भारतीय नौसेना ने गोवा में तैनात एमएच-60आर हेलीकॉप्टर की दूसरी स्क्वाड्रन को ओस्प्रे नाम दिया है. ओस्प्रे, एक समुद्री-बाज नाम का पक्षी है, जो पानी में शिकार कर मछलियों को अपना भोजन बनाता है.
भारतीय नौसेना की इंडियन नेवी एविएशन स्क्वाड्रन (आईएएनएस) 335 का युद्धघोष है सर्वे युद्धेषु जयति यानी हर रणभूमि में विजय.
हिंद महासागर में जिस तरह लगातार चीन और पाकिस्तान की पनडुब्बियां भारत के लिए चुनौती बनती जा रही हैं उससे निपटने के लिए भारत को इन रोमियो एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर से खासी मदद मिलेगी.
नौसेना के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण मोड़
नौसेना के प्रवक्ता, कैप्टन विवेक मधवाल के मुताबिक, “एमएच-60आर की दूसरी स्क्वाड्रन से नौसेना के आधुनिकीकरण और क्षमता वृद्धि के निरंतर प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा. रोमियो हेलीकॉप्टर की पहली स्क्वाड्रन, केरल के कोच्चि बेस पर तैनात है.”

