Breaking News Indo-Pacific

जयशंकर ने की अमेरिकी राजदूत से मुलाकात, दिल्ली आने से पहले की डगर है मुश्किल

विदेश मंत्री एस जयशंकर के न्यूयॉर्क दौरे के दौरान एक तस्वीर ने सबका ध्यान अपना तरफ खींचा है. न्यूयॉर्क में भारत के लिए नामित अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर, विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलने पहुंचे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बेहद करीबी कर्मचारी को भारत में बतौर राजदूत नामित किया है, लेकिन एक्सपर्ट सर्जियो गोर को नौसीखिया बता रहे हैं और कह रहे हैं कि गोर, भारत के काबिल नहीं हैं.

हालांकि हाल ही में भारत के साथ चल रहे टैरिफ विवाद पर सर्जियो गोर ने भारत को लेकर पहला बयान दिया था. जिसमें गोर ने भारत को अमेरिका का बड़ा रणनीतिक साझेदार बताते हुए कहा था कि भारत के साथ अमेरिकी संबंध पूरे क्षेत्र और भविष्य को प्रभावित करेगी.

जयशंकर से मिलने पहुंचे सर्जियो गोर

अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो से मुलाकात के दौरान संबंधों को संवाद के जरिए पटरी पर लाने पर बात हुई तो वहीं न्यूयॉर्क में सर्जियो गोर भी जयशंकर से मिलने पहुंचे. अगस्त महीने में डोनाल्ड ट्रंप ने 38 वर्षीय सर्जियो को नई दिल्ली के लिए अमेरिकी राजदूत बनाने की घोषणा की है. हालांकि अभी सीनेट से गोर की नियुक्ति को हरी झंडी नहीं दी गई है. सर्जियो गोर को दक्षिण और मध्य एशिया के लिए विशेष दूत भी बनाया गया है.

ट्रंप के ऐलान के कुछ दिनों बाद जब एस जयशंकर से गोर की नियुक्ति पर प्रतिक्रिया ली गई थी तो उन्होंने कहा था, मैंने इसके बारे में पढ़ा है. जयशंकर ने कोई भी टिप्पणी करने से परहेज़ किया था.

भारत स्ट्रेटेजिक पार्टनर, भरोसा बहाल करना प्राथमिकता: सर्जियो गोर

12 सितंबर को सर्जियो गोर ने भारत पर प्रतिक्रिया देते हुए अपनी प्राथमिकताएं बताई थीं. गोर ने कहा था कि, “भारत केवल एक क्षेत्रीय सहयोगी नहीं है, बल्कि एक रणनीतिक साझेदार है. भरोसे की बहाली करना, ट्रेड से जुड़ी समस्‍याओं का समाधान करना और क्‍लाइमेट, डिफेंस और टेक्‍नोलॉजी पर सहयोग में और विस्‍तार करना, इस पर काम किया जाएगा.”

कोर ने कहा था कि “राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मजबूत नेतृत्व में, मैं इस महत्वपूर्ण साझेदारी में अमेरिका के हितों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हूं. भारत की भौगोलिक स्थिति, आर्थिक विकास और सैन्य क्षमताएं इसे क्षेत्रीय स्थिरता की आधारशिला और समृद्धि को बढ़ावा देने तथा हमारे देशों के साझा सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती हैं.”

वहीं सर्जियो गोर ने ये भी कहा, भारत को रूसी तेल खरीदना बंद करवाना इस प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है.”

हम भारत से दूसरे देशों से ज्यादा उम्मीद करते हैं, ट्रंप-मोदी के रिश्ते अविश्वसनीय: सर्जियो गोर

भारत पर सबसे ज्‍यादा टैर‍िफ क्यों लगाया गया जबकि चीन को इससे बचा लिया गया, इस सवाल के जवाब ने सर्जियो गोर ने कहा, हम अपने दोस्तों के लिए अलग-अलग मानक रखते हैं. हम भारत से दूसरे देशों से ज्‍यादा उम्मीद करते हैं. 

राष्ट्रपति ट्रंप की प्रधानमंत्री मोदी के साथ गहरी दोस्ती है. अगर आपने गौर किया हो, तो जब वह दूसरे देशों पर हमला करते हैं, तो उनके नेताओं पर हमला करते हैं. जब राष्ट्रपति ट्रंप भारत की आलोचना करते हैं, तो वह मोदी की तारीफ करने से नहीं चूकते.

ट्रंप के बेहद खास हैं सर्जियो गोर, मस्क बता चुके हैं स्नेक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राइट हैंड माने जाने वाले सर्गियो गोर को भारत के नए राजदूत के तौर पर नॉमिनेट किया है. ट्रंप ने 22 अगस्‍त को उन्‍हें भारत में राजदूत के रूप में नियुक्‍त करने का ऐलान क‍िया था. साथ ही उन्‍हें साउथ और मध्‍य एश‍ियाई मामलों के विशेष दूत के रूप में भी नियुक्‍त क‍िया था. ट्रंप जो चाहते हैं उसे सर्जियो गोर जरूर पूरा करते हैं. व्हाइट हाउस में कार्मिक कर्मचारी गोर, हर नियुक्ति पर बारीकी से नजर रखते हैं. 

सर्जियो गोर कार्मिक (ऑफिस में बैठकर काम) पद पर काम करते हैं. ना कोई विदेश नीति का अनुभव है और ना ही कहीं पहले राजदूत के पद पर तैनात थे. सर्जियो गोर ने चूंकि ट्रंप के चुनाव में बेतहाजा चंदा इकट्ठा किया और उसके अलावा ट्रंप के बेटे की किताब को पब्लिश करवाया है. ट्रंप के करीबी रहने और ट्रंप के कैंपेन के कार्यकर्ता होने के नाते सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ते चले गए. 

जब ट्रंप सत्ता में आए तो गोर को व्हाइट हाउस में होने वाली सारी नियुक्ति का काम सर्जियो गोर को ही सौंपा गया. कहा जाता है कि एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच जो दूरियां और खटपट आई, उसके पीछे भी यही व्यक्ति था. एलन मस्क तो खुलेआम सर्जियो गोर की तुलना सांप (स्नेक) से कर चुके हैं.

सर्जियो गोर ऐसे समय में नई दिल्ली भेजे जा रहे हैं, जब अमेरिका के मनमाने टैरिफ को लेकर तनाव है. 50 प्रतिशत टैरिफ के आगे भारत ने झुकने से मना कर दिया है. वहीं अमेरिका के खिलाफ भारत के साथ परममित्र रूस ही नहीं, चीन भी खड़ा हुआ है. 

नौसिखिए सर्जियो गोर को भारत का राजदूत बनाए जाने पर अमेरिका में उठे सवाल

सर्जियो गोर के पास कार्मिक अनुभव है, लेकिन कोई राजनयिक अनुभव नहीं है. विदेश नीति के बारे में बहुत कम ज्ञान है, बावजूद इसके ट्रंप ने गोर को भारत का राजदूत बनाकर बड़ा दांव खेला है.

अमेरिका के सीनियर सीनेटर ग्रेगरी मीक्स ने हाल ही में कहा था कि “भारत जैसे जटिल और महत्वपूर्ण देश में अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए करियर डिप्लोमैटिक अनुभव और काबिलियत जरूरी है.अमेरिका-भारत संबंधों के इतने संवेदनशील मोड़ पर वॉशिंगटन को एक अनुभवी और विश्वसनीय राजदूत की जरूरत थी, ना कि एक मागा (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) के वफादार की.”

यही वजह है कि सीनेट में गोर को विपक्षी पार्टी डेमोक्रेट्स के तीखे सवालों के जवाब देने हैं.

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.