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जिंदा बची तो कुछ करके जाऊंगी, शेख हसीना ने भरी हुंकार

बांग्लादेश में मची ताजा हिंसा और बवाल के बीच शेख हसीना ने अपने समर्थकों से कहा है कि “अगर मैं जिंदा बची हूं, तो जरूर कुछ बड़ा काम करके जाऊंगी.”

बांग्लादेश से आई उपद्रव की तस्वीरों ने से साबित है कि अंतरिम सरकार से उपद्रवियों को खुली छूट मिल गई है. बुधवार रात उपद्रवी तांडव मचाते रहे, बांग्लादेश से संस्थापक मुजीबुर्रहमान के घर को आग के हवाले करते रहे, लेकिन यूनुस सरकार की पुलिस या किसी अधिकारी ने रोकने की कोशिश की.  

बांग्लादेश में उथल पुथल, शेख हसीना का संबोधन

बांग्लादेश के अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अवामी लीग पार्टी के समर्थकों को संबोधित किया है. शेख हसीना ने कहा कि “उनके खिलाफ बांग्लादेश में शुरू किया गया आंदोलन दरअसल उनकी हत्या की साजिश थी.” 

मोहम्मद यूनुस पर सीधा आरोप लगाते हुए शेख हसीना ने कहा- “मुझे और मेरी बहन को मारने की साजिश रची गई.” अपने समर्थकों को फेसबुक लाइव के जरिए शेख हसीना ने संबोधित किया है. अपने संबोधन में शेख हसीना ने कहा, “अगर अल्लाह ने मुझे इन हमलों के बावजूद भी जिंदा रखा है तो कुछ जरूर कुछ काम करना होगा. अगर ऐसा नहीं होता तो मैं इतनी बार मौत को कैसे मात दे देती?”

घर में आग क्यों लगाई, मैं बांग्लादेश के लोगों से इंसाफ मांगती हूं: शेख हसीना

अवामी लीग के मार्च से पहले बुधवार रात तकरीबन 8 बजे शेख हसीना के विरोध में कई शहरों में कट्टरपंथी सड़क पर उतर आए. मुजीबुर्रहमान के धानमंडी पैतृक घर को आग लगा दी गई. घर को आग लगाए जाने से शेख हसीना भावुक हो गईं. अपने समर्थकों से शेख हसीना ने कहा, “मैं बांग्लादेश के लोगों से इंसाफ मांगती हूं. क्या मैंने अपने देश के लिए कुछ नहीं किया? तो इतना अपमान क्यों? मेरे हर में क्यों आग लगाई गई. मेरी और मेरी बहन की जो यादें बची थी, वो अब मिट चुकी हैं. घर जलाया जा सकता है लेकिन इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता.”

बुलडोजर से घर गिरा सकते हैं, इतिहास नहीं मिटेगा: शेख हसीना

शेख हसीना के विरोध में बुधवार को बुलडोजर लेकर विरोधियों ने खूब हंगामा काटा. मुजीबुर्रहमान के घर की बालकनी में पहुंचकर समर्थकों ने बुलडोजर से तोड़फोड़ की. उन तस्वीरों को देखने के बाद शेख हसीना ने अवामी लीग के समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, “उनके पास अभी भी इतनी ताकत नहीं है कि वे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और उस आजादी को बुलडोजर से नष्ट कर सकें, जिसे हमने लाखों शहीदों के जीवन की कीमत पर हासिल किया है.वे घर को ढहा सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं. उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है. बुलडोजर से इतिहास नहीं मिटा करता. बांग्लादेश के लोगों को मौजूदा सरकार के खिलाफ संगठित होकर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए.” 

बांग्लादेशी उपद्रवियों ने भारत के खिलाफ नारेबाजी की 

शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने एक बड़े मार्च का ऐलान किया था. इस मार्च को लेकर शेख हसीना अपने समर्थकों को संबोधित करने जा रही थीं. इस बीच ही लोगों ने शेख हसीना के खिलाफ कई शहरों में प्रदर्शन करना शुरु कर दिया. हद तो तब हो गई जब धानमंडी स्थित मुजीबुर्रहमान के घर जिसे अब संग्रहालय में बदल दिया गया था, उसे बुलडोजर से क्षतिग्रस्त किया गया और कई हिस्सों में आग लगा दी गई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भारत की आलोचना करते हुए नारे भी लगाए. 

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