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बाइडेन की गद्दी गई, बांग्लादेश में सोरोस जिंदा है

अमेरिका की बांग्लादेश को वित्तीय मदद रोके जाने के बाद एक तस्वीर ने तहलका मचा दिया है. ये तस्वीर अमेरिका के विवादित अरबपति और ‘डीप-स्टेट’ के अहम किरदार जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस और बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस की है. एलेक्स सोरोस ने ढाका पहुंचकर मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की है और हर मदद का वादा किया है.

एलेक्स सोरोस अपने पिता जॉर्ज सोरोस के उस पैसे वाले एनजीओ ‘द ओपन सोसायटी फाउंडेशन’ के चेयरमैन हैं, जो दुनियाभर में सरकारों को गिराने और अस्थिरता फैलाने के लिए कुख्यात है. भारत में भी सोरोस के एनजीओ के जरिए सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया जा चुका है. 

एलेक्स सोरोस ने खोली बांग्लादेश के लिए झोली  

कट्टरपंथियों और आतंकियों का सहारा बनकर ही बांग्लादेश, पाकिस्तान को कॉपी नहीं कर रहा, बल्कि अंतरिम सरकार कटोरा लेकर भीख मांगने में भी उस्तादी दिखा रही है. ट्रंप ने फंडिंग रोककर अंतरिम सरकार की जान हलक में क्या डाली, पैसे-पैसे के लिए मोहताज बांग्लादेश जॉर्ज सोरोस के विवादित एनजीओ के सहारे बैठ गया है. 

एलेक्स सोरोस ने बुधवार को मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की है. इस दौरान एलेक्स ने अपने एनजीओ द ओपन सोसायटी की ओर से बांग्लादेश को वित्तीय मदद देने का भरोसा दिया है. 

बांग्लादेश के लिए बदलाव का महत्वपूर्ण समय: एलेक्स सोरोस

एलेक्स सोरोस ने मोहम्मद यूनुस के साथ मुलाकात के बाद एक पोस्ट लिखी है. एलेक्स सोरोस ने लिखा, “मानवाधिकारों के चैम्पियन और ओपन सोसायटी के पुराने मित्र मोहम्मद यूनुस से मिलने के लिए ढाका वापस आकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. बांग्लादेश के लिए बदलाव का एक महत्वपूर्ण समय है. हमने महत्वपूर्ण सुधारों और निवेशों पर सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की है.” एलेक्स ने यूनुस की खूब तारीफ करते हुए ये भी कहा कि यूनुस एक चुनौतीपूर्ण समय में बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. (https://x.com/ChiefAdviserGoB/status/1884784188244824145)

ट्रंप की नीतियों के विरोध में जाकर सोरोस करेंगे मदद?

जो बाइडेन ने जाते-जाते जिन लोगों को सर्वोच्च पुरस्कार दिए थे, उसमें जॉर्ज सोरोस भी शामिल थे. अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में बाइडेन ने जॉर्ज सोरोस को अमेरिका के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा था. जॉर्ज सोरोस को बाइडेन ने ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ से सम्मानित किया था. जॉर्ज सोरोस डीप स्टेट का सबसे बड़ा कुख्यात चेहरा है. जॉर्ज सोरोस एक विवादास्पद व्यक्ति हैं और दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए बदनाम हैं. 

जॉर्ज सोरोस को पुरस्कार दिए जाने को लेकर अमेरिका में जबरदस्त विरोध किया गया. आरोप लगाया गया कि बाइडेन प्रशासन ने मेरिट की जगह राजनीतिक पक्षपात करते हुए जॉर्ज सोरोस को पुरस्कार दिया है. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और ट्रंप के करीबी ने भी सोरोस को सम्मान दिए जाने पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि- “यह हास्यास्पद है कि बाइडेन सोरोस को मेडल ऑफ फ्रीडम दिया है.”

अब ट्रंप की नीतियों का विरोध करते हुए बांग्लादेश के लिए सोरोस के एनजीओ ने अपना हाथ खोला है. जिसको लेकर विवाद होना तय माना जा रहा है. 

भारत में जॉर्ज सोरोस और उनके एनजीओ ने सरकार गिराने की कोशिश की: बीजेपी

सोरोस पर विपक्षी पार्टियों और नेताओं के साथ मिलकर भारत समेत कई अन्य देशों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों को सपोर्ट करके अशांति पैदा करने का आरोप लगाया गया है. आरोप यह भी है कि जॉर्ज सोरोस भारत की सरकार को अस्थिर करने के लिए विपक्ष को फंडिंग कर रहे हैं, जिसे लेकर बीजेपी कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करती रही है. 

बीजेपी का दावा है कि “कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन की ओर फंडेड एक संगठन से है. उस फाउंडेशन ने कश्मीर के एक स्वतंत्र राष्ट्र के विचार का समर्थन किया था. बीजेपी ने कहा था, ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) और हंगरी मूल के अमेरिकी व्यवसायी जॉर्ज सोरोस ने भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने तथा मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए विपक्ष के साथ सांठगांठ है.”

डीप स्टेट का बड़ा चेहरा है जॉर्ज सोरोस

जॉर्ज सोरोस अमेरिका के अरबपति कारोबारी हैं. उन्हें डीप स्टेट का अहम किरदार माना जाता है. सोरोस कारोबार और समाजसेवा की आड़ में पैसों के बल पर राजनीतिक दखलअंदाजी करते हैं. जॉर्ज सोरोस पर न सिर्फ भारत बल्कि दूसरे देशों में विवाद खड़े करने के आरोप लगते रहे हैं.

सोरोस के एनजीओ ने कई देशों में चुनावों को प्रभावित करने के लिए जमकर फंडिंग की है. यूरोप और अरब के कई देशों में जॉर्ज सोरोस की संस्थाओं पर जुर्माने के साथ-साथ पाबंदी लगी है. (https://x.com/KanchanGupta/status/1884634467030941883)

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